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कोरोना प्रोटेक्शन डिवाइस: दूरी कम होते ही देगा बीप अलर्ट, बीटेक कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के छात्रा ने कर दिखाया ये कमाल

Admin2
21 July 2021 2:04 PM GMT
कोरोना प्रोटेक्शन डिवाइस: दूरी कम होते ही देगा बीप अलर्ट, बीटेक कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के छात्रा ने कर दिखाया ये कमाल
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एकेएस यूनिवर्सिटी के बीटेक कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के एक मेधावी स्टूडेंट शुभम सोनी ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स के इस्तेमाल से एक सोशल डिस्टेंसिग अलर्ट गैजेट तैयार करने में बड़ी कामयाबी पाई है. कोविड की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर शुभम की इस कोविड प्रोटेक्शन डिवाइस का बजर एक मीटर की दूरी कम होते ही रेड लाइट के साथ बीप देकर अलर्ट करता है. इसे एंड्रायड आईओएस डिवाइस से भी कंट्रोल किया जा सकता है. कुशाग्र मध्य प्रदेश के सतना जिले के भटनवारा गांव के एक सामान्य परिवार में जन्मे हैं. कुशाग्र बीटेक (सीएसई) के फिफ्थ सेमेस्टर के स्टूडेंट हैं. छात्र के मुताबिक लीक से हटकर कुछ खास करने का ख्याल तब आया जब वह टोटल लॉकडाउन के कारण अपने चौथे सेमेस्टर की पढ़ाई के लिए यूनिवर्सिटी नहीं जा पा रहे थे. यह वह दौर था जब जानलेवा महामारी के बचाव के लिए हर तरफ सोशल डिस्टेंसिंग, मॉस्क और सैनिटाइजर के उपयोग का शोर था.

इसी दौरान शुभम सोनी ने एक ऐसी डिवाइस तैयार करने की ठानी जो हर वक्त सोशल डिस्टेंसिंग का अलर्ट देकर आगाह करती रहे. इस तकनी के इजाद से जन्मे सोशल डिस्टेंसिग अलर्ट डिवाइस को विश्वविद्यालय के प्रोडक्शन प्लान में शामिल किया गया है. इसे बहुउपयोगी डिवाइस के रूप में विकसित किया जाएगा. डिवाइस में अभी टेम्प्रेचर सेंसर लगाने की भी तैयारी चल रही है.

छात्र शुभम सोनी ने बताया कि एक सोशल डिस्टेंस अलर्ट डिवाइस बनाया है. अगर हम किसी पब्लिक प्लेस में जाते हैं तो इसको हम आईडी कार्ड की तरह गले में लगा सकते हैं. अगर किसी से मिलने जाते हैं और हमने वन मीटर की डिस्टेंस मेंटेन नहीं किया है तो ये डिवाइस हमको एंड्रॉयड एप में भी अलर्ट करेगी.

यह आईओएस ऐप में भी अलर्ट करेगी और आन स्पॉट बीप से भी अलर्ट करेगी. रेड लाइट भी ऑन हो जाएगी. इससे हमें अलर्ट मिल जाएगा और जिस पर्सन के हम करीब जा रहे हैं उससे डिस्टेंस मेंटेन कर सकते हैं. फ्यूचर में इसमें हम बहुत सारे अपग्रेडेशन ला रहे हैं. इसमें टेम्प्रेचर सेंसर यूज़ कर रहे हैं ताकि जिस व्यक्ति के पास हम जा रहे हैं उसका टेम्प्रेचर भी पता कर सकें. उसके कोविड के लक्षणों का पता लगा सकें और उससे दूरी बना सकें. इसको बनाने में लगभग 1 महीने का समय लगा. अभी इसकी कॉस्ट डेढ़ सौ रुपये आई है. मगर अगर इसे बल्क में तैयार करेंगे तो एक डिवाइस की कीमत 100 रुपये आएगी. एकेएस यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. अखिलेश बाऊ ने कहा कि जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कंप्यूटर साइंस पूरे देश में ऑपरेटिंग सिस्टम का काम करता है. कोविड-19 के इस ड्यूरेशन में भी बच्चे के लिए ये जो डिवाइस आई है. इसको हम दुनिया के सामने ला जा सकते हैं और सोशल डिस्टेंस रखने में काफी मदद कर सकता है.

उन्होंने आगे कहा कि डिपार्टमेंट ऑफ कंप्यूटर साइंस पूरी कोशिश करता है कि ऐसे बच्चे आगे आएं और ऐसी चीजों को मूर्तरूप दिया जा सके. हम पेटेंट कराने की पूरी प्रोसेस में हैं. हमारी ये कोशिश है कि इसमें अगर हम और सेंसर जोड़ सकें जैसे टेम्प्रेचर या पल्सेस भी हम आइडेंटिटीफाई कर सकें तो हम इसके पेटेंट कराने की दिशा में अग्रसर हैं.

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