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कोरोना काल किसानों के लिए बना मुसीबत, सब्जियों को सड़क पर फेंक रहे, टमाटर का नहीं मिला 1 रुपये किलो भी
jantaserishta.com
11 May 2021 4:02 AM GMT
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किसानों की दुर्दशा की दिल दहला देने वाली तस्वीर सामने आई है.
मुजफ्फरपुर. बिहार में जारी कोरोना के कहर के बीच मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) से किसानों की दुर्दशा की दिल दहला देने वाली तस्वीर सामने आई है. जिले में कोरोना सब्जी किसानों (Vegetable Farmers) की कमर तोड़ रहा है, खास करके टमाटर उपजाने वाले किसानों का बुरा हाल है. इलाके में सब्जी को सुरक्षित रखने के लिए कोई कोल्ड चेन सिस्टम नहीं है जो बड़ी परेशानी का कारण है, यही वजह है कि जिले के सब्जी किसान बाजार नहीं मिलने की वजह से सब्जियों को सड़क पर फेंक रहे हैं.
मुजफ्फरपुर के मीनापुर प्रखंड के मझौलिया गांव में सब्जी की खेती बड़े स्तर पर होती है और रोज सब्जी गांव से बाजार के विभिन्न इलाकों में पहुंचाया जाता है. लॉकडाउन के कारण जो किसान 11 बजे तक अपनी सब्जी नहीं भेज पाते हैं उनकी ऊपज अगले दिन खराब हो जाती है, इस वजह से किसान नाराज हैं और यही कारण है कि किसान टमाटर को सड़क पर फेंक कर प्रदर्शन कर रहे हैं. सब्जी किसान मुन्ना भगत बताते हैं कि लग्न के मौसम में गांव में टमाटर की अच्छी बिक्री होती थी. इलाके के गंज बाजार और नेउरा बाजार में शहर के व्यापारी आकर टमाटर खरीद कर ले जाते थे लेकिन शादी ब्याह और बारात पर शिकंजा कस जाने से टमाटर की खपत नहीं हो रही है.
उपज ज्यादा होने पर मीनापुर से टमाटर की खेप नेपाल ले जाया जाता था लेकिन लॉकडाउन में नेपाल का रास्ता भी बन्द हो गया है, ऐसे में टमाटर की कीमत 1 रुपये किलो भी नहीं मिल रही है. यही वजह है कि आक्रोशित किसानों ने 50 क्विंटल टमाटर रोड पर फेंक दिया और उसपर ट्रैक्टर चलवा दिया. किसानों की मांग है कि कृषि और उद्यान विभाग की ओर से मीनापुर इलाके में सब्जियों को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोर बनाया जाए यहां बिकने से बची हुई सब्जियों को सुरक्षित रखा जा सके.
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