दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी दी है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़े हुए मामले और तेजी से प्रसार की क्षमता इस साल छुट्टियों के दिनों में लोगों के बाहर निकलने और भीड़ में शामिल होने से चुनौतियां बढेंगी. WHO ने कहा है कि इस दौरान अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ेगी और मौत के मामलों में भी वृद्धि होने की आशंका है.
बता दें कि देश में कोरोना के मामलों में फिर बढ़ोतरी देखी जा रही है. सोमवार को कोरोना के मामलों में थोड़ी कमी आई थी, लेकिन मंगलवार से लेकर बुधवार को फिर से इनमें उछाल आ गया है. पिछले 24 घंटे कोरोना के 306570 नए मामले सामने आए हैं. इस दौरान 463 कोरोना संक्रमित लोगों की मौत हुई है. तमिलनाडु में बीते 24 घंटे में कोरोना के 26981 नए मामले सामने आए हैं और 35 लोगों की मौत हुई है. कोरोना की तीसरी लहर का सबसे ज्यादा प्रभाव दिल्ली और मुंबई में ही देखा जा रहा है. ऐसे में देश के प्रमुख स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉक्टर समीरन पांडा ने एक खास इंटरव्यू में बताया है कि यह पुष्टि करना अभी जल्दबाजी होगी कि क्या दिल्ली और मुंबई के मामलों की वजह से देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर अपने चरम पर पहुंच गया है.
डॉ समीरन पांडा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) में महामारी विज्ञान विभाग के प्रमुख हैं. डॉ समीरन ने इंटरव्यू में कहा, 'हमें यह कहने से पहले दो सप्ताह और इंतजार करने की जरूरत है कि दिल्ली और मुंबई में कोरोना संक्रमण अपने पीक पर है और सबसे बुरा वक्त खत्म हो गया है. हम कुछ दिनों में इस तरह की बातें नहीं कर सकते. हम इसे केवल संक्रमण के मामलों में गिरावट और पॉजिटिविटी रेट के आधार पर नहीं कह सकते हैं.' डॉ समीरन पांडा ने कहा कि दो प्रमुख महानगरीय शहरों में, कोविड -19 के ओमिक्रॉन और डेल्टा मामलों का अनुपात क्रमशः लगभग 80 और 20 प्रतिशत है. उन्होंने यह भी साफ किया कि भारत के अलग-अलग राज्य इस समय महामारी के विभिन्न चरणों में हैं.