देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल चुका है. हर किसी को घर के अंदर ही रहने की सलाह दी जा रही है. कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि अस्पतालों में न बेड बचे हैं और न ही ऑक्सीजन उपलब्ध है. देश की चरमराती स्वास्थ्य सेवाओं के बीच डॉक्टर दिन रात एक कर मरीजों की जान बचाने में लगे हुए है. ऐसे ही एक डॉक्टर हैं संजीवन अस्पताल के निदेशक डॉ. मुकुंद. इनके परिवार में ज्यादातर लोग कोरोना संक्रमित हैं. डॉ. मुकुंद के पिता की कोरोना से मौत हो गई है जबकि मां और भाई कोरोना की जंग लड़ रहे हैं. परिवार में इतना कुछ हो जाने के बावजूद डॉ. मुकुंद हर दिन अस्पताल आते हैं और मरीजों की देखभाल करते हैं.
डॉ. मुकुंद ने कहा, इस समय देश की हालत बेहद नाजुक है. इस समय हम आराम नहीं कर सकते. अस्पताल में जिस तरह से मरीजों को हमारी जरूरत है उसके बाद हम उनके दर्द को नहीं देख पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरी मां और भाई अस्पताल में भर्ती है और उनका इलाज चल रहा है. ऐसे में मैं अन्य मरीज को तो नहीं छोड़ सकता. उन्हें भी इलाज की जरूरत है.