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कोरोना का खौफ नहीं: भारी भीड़ के बीच बच्चे का मुंडन, इकट्ठा हुए 300 लोग, पुलिस ने की ये कार्रवाई
jantaserishta.com
18 April 2021 8:54 AM GMT
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कोरोना ही बेकाबू नहीं हो रहा है, बल्कि लोगों की लापरवाही भी बड़े स्तर पर देखने को मिल रही है.
उत्तर प्रदेश में सिर्फ कोरोना ही बेकाबू नहीं हो रहा है, बल्कि लोगों की लापरवाही भी बड़े स्तर पर देखने को मिल रही है. ये ऐसी लापरवाही है जहां पर न कोरोना का कोई खौफ है और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान. ताजा मामला उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले का है जहां पर बच्चे के मुंडन पर तमाम कोरोना प्रोटोकॉल को ताक पर रखा गया और खूब धूम-धाम से कार्यक्रम का आयोजन हुआ.
कंजरनपुर गांव निवासी धर्मपाल लोधी ने शुक्रवार को अपने बच्चे का मुंडन करवाया था. उस मौके पर भारी भीड़ का जमावड़ा देखने को मिला और लोगों के चेहरे से मास्क भी गायब रहे. इसके अलावा धर्मपाल की तरफ से लोगों के मनोरंजन के लिए नौटंकी और नाच-गाने का भी इंतजाम कर दिया गया. एक वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग नाच-गाने का लुत्फ उठा रहे हैं और सरकार द्वार बनाई गईं तमाम कोरोना गाइडलाइन को चुनौती दे रहे हैं. इस वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा और प्रशासन की तरफ से तुरंत एक्शन हुआ.
पुलिस ने की कार्रवाई
कोरोना की वजह से इस समय धारा 144 लागू है, ऐसे में पुलिस ने भी महामारी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. इस मामले में जाफरगंज के सीओ दिनेश मिश्रा ने बताया कि कंजरनपुर गांव में धर्मपाल लोधी ने बच्चे के मुंडन का कार्यक्रम बिना किसी इजाजत के कराया, साथ ही धारा 144 का उलंघन भी किया गया. वहां बिना मास्क के लोग नजर आए और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं किया गया. वहीं इस मामले में एसओ गाजीपुर की ओर से भी मुकदमा दर्ज किया जा चुका है और मामले की जांच की जा रही है.
रांची रेलवे स्टेशन पर उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
मालूम हो कि ये राज्य में पहली घटना नहीं है जहां पर कोरोना नियम को ताक पर रख भारी भीड़ देखी गई हो. दूसरे राज्यों से भी ऐसी खबरें लगातार सामने आ रही हैं. शनिवार को रांची के रेलवे स्टेशन पर भी एक ऐसी घटना देखने को मिली थी जहां पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ीं और प्रशासान की पोल भी खुल गई. दरअसल मुंबई और सूरत से प्रवासियों को लेकर दो स्पेशल ट्रेन शुक्रवार को हटिया रेलवे स्टेशन पहुंची थीं. यात्रियों की जांच के लिए स्टेशन पर राज्य सरकार की ओर से व्यवस्था उपलब्ध कराने की बात कही गई थी लेकिन कोरोना टेस्ट को लेकर किट उपलब्ध नहीं होने के कारण यात्रियों को दो से तीन घंटा स्टेशन परिसर पर बैठा कर रखा गया और नतीजा यह हुआ कि यात्रियों के सब्र का बांध टूट गया और वे रेलवे द्वारा किए गए बैरिकेडिंग को तोड़कर स्टेशन परिसर के बाहर निकल गए और जिसको जो वाहन मिला अपने अपने घर के लिए निकल लिया.
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