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कोरोना ने तहस-नहस किया परिवार: संक्रमित माता-पिता की मौत, बच्चों को कह कर निकले थे- हम थोड़ी देर में आते हैं...

Gulabi
1 May 2021 2:43 PM GMT
कोरोना ने तहस-नहस किया परिवार: संक्रमित माता-पिता की मौत, बच्चों को कह कर निकले थे- हम थोड़ी देर में आते हैं...
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माता-पिता कोरोना के इलाज के लिए गए. लेकिन फिर वे वापस नहीं आए

'बच्चों, हम तुरंत आते हैं,' यह कह कर वे माता-पिता कोरोना के इलाज के लिए गए. लेकिन फिर वे वापस नहीं आए. बच्चों को पता ही नहीं है कि वे अब कभी वापस नहीं आएंगे. पहले पत्नी की और फिर पति की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई और बच्चों के सर से मां-बाप का साया उठ गया.


इस दंपति का परिवार बेहद खुशहाल था. पति की पुणे में एक बड़ी कंपनी में नौकरी थी. पत्नी भी एक प्राइवेट कंपनी में अच्छे पद पर कार्यरत थी. एक बेटा और एक बेटी, यानी चार लोगों का एक सुंदर सा परिवार था. लेकिन कोरोना ने चार दिनों में ही इस परिवार को तहस-नहस कर दिया.

कोरोना के कहर से परिवार बिखर गया
यह कहानी महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के शाहूवाडी प्रखंड के मलकापुर इलाके के शित्तूर गांव में रहने वाले पाटील परिवार की है. नौकरी के सिलसिले में महादेव पाटील अपने परिवार को लेकर पुणे में शिफ्ट हो गए थे. वे और उनकी पत्नी अब इस दुनिया में नहीं हैं. वे अपने पीछे नौ साल की पूर्वा नाम की बेटी और बेटे तन्मय (6) को छोड़ गए हैं.

पति और पत्नी कोरोना पॉजिटिव पाए गए
इस परिवार में सब सही चल रहा था कि अचानक पुणे में कोरोना का कहर बढ़ता ही चला गया और महादेव पाटील की कंपनी कुछ दिनों के लिए बंद हो गई. कोरोना काल के असुरक्षित माहौल में छुट्टी की वजह महादेव पाटील अपने परिवार के साथ कोल्हापुर के शाहूवाडी प्रखंड में स्थित अपने गांव शित्तूर आ गए. गांव आकर दो ही दिन हुए थे कि पत्नी की सेहत बिगड़नी शुरू हो गई. पति-पत्नी ने सावधानी के तौर पर अपना कोरोना टेस्ट करवाया तो दुर्भाग्य से दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई.

पहले पत्नी की मृत्यु, फिर पति ने दम तोड़ा
अपने दोनों बच्चों को रिश्तेदारों के पास छोड़कर महादेव और सीमा पाटील इलाज के लिए निजी अस्पताल में दाखिल हुए. लेकिन इलाज के दौरान ही दो दिनों पहले सीमा पाटील की मृत्यु हो गई. पत्नी की मृत्यु की खबर सुनकर निराशा में डूबे महादेव पाटील की भी एक दिन पहले मृत्यु हो गई और एक झटके में पूर्वा और तन्मय के सर से माता-पिता का साया हमेशा-हमेशा के लिए उठ गया. घर से निकलते वक्त वे दोनों बच्चों से यही कह कर गए थे कि वे तुरंत आते हैं, लेकिन फिर वे वापस नहीं आए. रिश्तेदारों ने अब तक बच्चों को सच बताया नहीं है. जब सच पता लगेगा तो बच्चों को कैसा लगेगा, यह सोच कर रिश्तेदार सच कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं.
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