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दक्षिण भारत में कहर ढा रहा कोरोना, इन 4 राज्यों में ही देश के आधे से ज्यादा केस
Apurva Srivastav
28 May 2021 6:58 AM GMT
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वायरस की दूसरी लहर उत्तर भारत के राज्यों को छोड़कर अब दक्षिणी राज्यों का रुख कर गई है?
कोरोना वायरस की दूसरी लहर उत्तर भारत के राज्यों को छोड़कर अब दक्षिणी राज्यों का रुख कर गई है? आंकड़ों की बात करें तो यह बात सही लगती है। बीते 24 घंटे में देश में कोरोना संक्रमण के 1,86,364 नए केस मिले हैं। इनमें से आधे से ज्यादा केस दक्षिण भारत के 4 राज्यों में ही मिले हैं। सबसे ज्यादा तमिलनाडु में 33,361 केस मिले हैं। इसके अलावा कर्नाटक में पिछले एक दिन में 24,214 केस मिले हैं। इसके अलावा केरल में भी करीब इतने ही 24,166 पाए गए हैं। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में 16,167 नए मामले सामने आए हैं। इन चारों राज्यों के आंकड़ों को मिलाकर देखें तो कुल 98,000 के करीब केस मिले हैं, जबकि शेष भारत में 88,000 केस पाए गए हैं।
इन 4 राज्यों के अलावा महाराष्ट्र का नंबर आता है, जहां बीते एक दिन में 21,273 नए केस मिले हैं। वहीं दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल, उत्तराखंड, कश्मीर, हरियाणा और पंजाब जैसे उत्तर भारत के राज्यों में बीते एक महीने से लगातार कोरोना के केसों में गिरावट का दौर देखने को मिला है। आंध प्रदेश में भले ही पीक के दौरान 23 हजार से ज्यादा केस मिल रहे थे, लेकिन अब भी आंकड़ा बहुत नीचे नहीं आ पाया है। इसके अलावा तमिलनाडु की बात करें तो 21 मई को सबसे ज्यादा 36 हजार से ज्यादा केस मिले थे। तब से अब तक लगातार आंकड़ा 30 हजार के पार ही बना हुआ है। साफ है कि अभी इस दक्षिणी राज्य में कोरोना की दूसरी लहर ढलान पर नहीं आई है।
यह आंकड़ा भी उल्लेखनीय है कि उत्तर भारत के राज्यों में जब मई की शुरुआत में कोरोना की दूसरी लहर चरम पर थी, तब तमिलनाडु में ज्यादा केस नहीं मिल रहे थे। 1 मई को ही राज्य में 19,588 नए केस मिले थे, जबकि 27 मई को 33,361 नए केस मिले हैं। हालांकि कर्नाटक की बात करें तो पीक के मुकाबले राज्य में कोरोना के केस आधे से भी कम रहे हैं। 11 मई को राज्य में 50,000 से ज्यादा केस मिले थे, जबकि अब नए केसों का आंकड़ा 24 हजार पर आकर ठहर गया है। वहीं बीते कई महीनों से कोरोना के बढ़ते केसों से जूझ रहे केरल में भी हालात बहुत बेहतर नहीं है। राज्य में 5 मई को 41,953 केस मिले थे, जबकि अब यह आंकड़ा 24,166 पर आ गया है। हालांकि अब भी दूसरे राज्यों की तुलना में स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।
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