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कोरोना के मामले ज्यादातर संख्या 12 राज्यों के 46 जिलों से, केंद्रीय संवास्थ्य सचिव ने की जिला कलेक्टरों के साथ बैठक

Deepa Sahu
27 March 2021 3:40 PM GMT
कोरोना के मामले ज्यादातर संख्या 12 राज्यों के 46 जिलों से, केंद्रीय संवास्थ्य सचिव ने की जिला कलेक्टरों के साथ बैठक
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भारत में कोरोना के मामले

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: भारत में कोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे है. वहीं ज्यादातर कोरोना के मामले 12 राज्यों के 46 जिलों में से है. इसको लेकर शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य ने इन राज्य के स्वास्थ्य सचिव और सबसे ज्यादा प्रभावित 46 जिलों के जिला कलेक्टरों और म्युनिसिपल कमिश्नर के साथ बैठक की.

इस महीने इन 46 जिलों में 71% नए संक्रमण के मामले और 69% संक्रमण से मौत हुई है. 12 वो राज्य जिनके 46 जिले सबसे प्रभावित है वो राज्य हैं महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, पंजाब और बिहार.
देश में दर्ज किए गए 59.8% मामले महाराष्ट्र से आये
सबसे ज्यादा चिंता की बात महाराष्ट्र के लिए है. महाराष्ट्र के कुल 36 जिलों में से 25 सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, जहां पिछले एक हफ्ते के दौरान देश में दर्ज किए गए 59.8% मामले सामने आए है. इसके अलावा गुजरात के 33 जिलों में से 4, हरियाणा के 22 जिलों में से 3, तमिलनाडु के 37जिलों में से 3, छत्तीसगढ़ के 28 जिलों में से 2, मध्य प्रदेश के 52 जिलों में 2, पश्चिम बंगाल के 23 जिलों में 2 सबसे ज्यादा प्रभावित है. इसी तरह दिल्ली, जम्मु कश्मीर, कर्नाटक, पंजाब और बिहार के एक एक जिले प्रभावित है.

इन राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में कुछ प्रमुख आंकड़ों के साथ प्रभावित जिलों का एक बारीक विश्लेषण दिया गया, जिसमे बताया गया
1- कोरोना की लगभग 90% मौतें 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की हुई है.
2- अध्ययनों के निष्कर्ष सामने आया है कि 90% लोग जागरूक हैं, और सिर्फ 44% वास्तव में फेस मास्क पहनते हैं.
3- एक संक्रमित व्यक्ति 30 दिन के दौरान औसतन 406 व्यक्तियों को संक्रमण फैला सकता है.
4- सभी चीज़ों को ध्यान में रखते हुए एक फाइव फोल्ड स्ट्रेटेजी अपनाने के लिए राज्यों को सलाह दी गई.

5- ज्यादा से ज्यादा कोरोना के टेस्ट के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट किए जाए. वहीं एंटीजन टेस्ट क्लस्टर एरिया और घनी आबादी वाले क्षेत्र में इस्तेमाल हो.
6- वहीं किसी के पॉजिटिव पाए जाने पर अगले 72 घंटो में उस शख्स के संपर्क आए लोगों को ट्रेस करना और टेस्ट करना. वहीं आइसोलेशन पर खास ध्यान देना. इसके अलावा माइक्रो कन्टेनमेंट जोन तय कर सर्विलांस करना.
7- सार्वजनिक और निजी अस्पताल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना. वहीं संक्रमण से होने वाली मौतों को रोकना.

8- बाजारों, अंतर-राज्यीय बस स्टैंडों, स्कूलों, कॉलेजों, रेलवे स्टेशनों जैसी भीड़-भाड़ वाले जगहों पर कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर सुनिश्चित करने पर ध्यान दिया जाए. जन जागरूकता अभियानों के माध्यम से कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर सुनिश्चित करना.
9- सबसे महत्वपूर्ण कोरोना वैक्सीन को बढ़ाना होगा. ज्यादा से ज्यादा प्रायोरिटी ग्रुप का टीकाकरण हो ये राज्य सरकारों को सुनिश्चित करना होगा. वहीं इसको बढ़ाने के लिए निजी और सरकारी दोनो इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करें.
भारत में फरवरी के बाद से लगातार कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. भारत के कुछ राज्य सबसे ज्यादा इसे प्रभावित है जिसमें सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़ शामिल है.


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