भारत
देश के कई जिलों में कम हुए कोरोना केस, पॉजिटिविटी रेट में भी बड़ी गिरावट
Apurva Srivastav
19 May 2021 7:09 AM GMT
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कोरोना वायरस के कहर के बीच अब राहत की खबर मिलने लगी है।
कोरोना वायरस के कहर के बीच अब राहत की खबर मिलने लगी है। कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत में अब शुभ संकेत मिलने लगे हैं। केंद्र सरकार ने मंगलवार को बताया कि लगातार 13 हफ्तों तक कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज करने वाले करीब 200 जिलों में बीते 15 दिनों में संक्रमण की रफ्तार कम हुई है। साथ ही, बीते सात दिनों में देशभर में कोरोना की पॉजिटिविटी रेट भी कम हुई है।
भारत में कोरोना टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने कहा कि भारत में कोरोना के नए मामलों का ग्राफ स्थिर हो रहा है और महामारी कुल मिलाकर सिकुड़ रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 11 मई से 17 मई के बीच में हर दिन औसतन 18.45 लाख कोरोना टेस्ट हुए और इस दौरान पॉजिटिविटी रेट 16.9 फीसदी रही। मंत्रालय ने कहा कि 16-22 फरवरी के बाद यह पहला हफ्ता था, जब देश में पॉजीटिविटी रेट में गिरावट देखी गई है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, डॉ. वीके पॉल ने कहा कि टेस्टिंग, पाबंदियां और बेहतर प्रयासों की वजह से कई राज्यों में ग्राफ स्थिर हो रहा है, मगर खासकर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा आदि राज्यों में नए मामलों में बढ़ोतरी चिंता का विषय बनी हुई है। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना के हालात अभी मिले-जुले हैं, मगर कुल मिलाकर देश की स्थिति अभी स्थिर है।
उन्होंने आगे कहा कि अभी रिप्रोडक्शन रेट (R) एक (1) से नीचे बनी हुई है, जिसका मतलब है कि महामारी का प्रकोप कम हो रहा है। यह सब
व्यापक रोकथाम के प्रयासों की वजह से हो रहा है। यहां बताना जरूरी है कि रिप्रोडक्शन नंबर का मतलब होता है कि एक संक्रमित व्यक्ति अपने संपर्क में आए और कितने लोगों तक संक्रमण फैला सकता है। सामामान्य तौर पर इसका 1 से कम होना आमतौर पर महामारी की पीक पार होने का संकेत माना जाता है। हालांकि, उन्होंने चेताया भी है कि यह महज शुरुआती संकेत है और टेस्टिंग से लेकर कंटेनमेंट में ढिलाई बरतने से हालात फिर बिगड़ सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 13 से 19 अप्रैल के बीच भारत में रोजाना औसतन 15.25 लाख कोरोना टेस्ट हुए थे और उस वक्त साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 16.9 फीसदी थी। उसके अगले हफ्ते यानी 20 से 26 अप्रैल के बीच रोजाना औसतन 16.95 लाख कोरोना टेस्ट किए गए और इस दौरान साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 20.3 फीसदी रही। ठीक इसी तरह 27 से 3 मई के बीच 18.13 लाख टेस्ट किए गए और पजिटिविटी रेट 21.3 फीसदी रही और फिर 4-10 मई के हफ्ते में रोज औसतन 18.16 लाख कोरोना टेस्ट हुए और पॉजिटिविटी रेट 21.9 फीसदी रही। इसके बाद 11 मई से 17 मई के बीच यह पॉजिटिविटी रेट गिरकर 16.9 फीसदी पर आ गई।
डेटा के मुताबिक, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, गोवा, लक्षदीप और पुडुचेरी में पॉजिटिविटी रेट 30 फीसदी से अधिक दर्ज की गई है। वहीं पिछले सप्ताह तक देश के 11 राज्यों में एक लाख से अधिक एक्टिव केस थे मगर इस सप्ताह ऐसे राज्यों की संख्या आठ रही है। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़, 6 ऐसे राज्य हैं, जहां कोरोना के डेली केसों और पॉजिटिविटी रेट में कमी देखी जा रही है।
वहीं, तमिलनाडु, त्रिपुरा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदश, मणिपुर और मिजोरम ऐसे पांच राज्य हैं, जहां कोरोना के केस और पॉजिटिविटी रेट में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम और नागालैंड में पॉजिटिविटी रेट में गिरावट देखी जा रही है, मगर केस लगातार बढ़ रहे हैं।
इस तरह से देश के कुल 199 जिलों में पिछले दो सप्ताह से कोरोना के केसों में गिरावट दर्ज की जा रही है। उत्तर प्रदेश के 39 और मध्य प्रदेश के 33 जिलों में कोरोना वायरस के नए मामलों में कमी देखी गई है। तेलंगाना 27 और महाराष्ट्र के 24 जिलों में भी कोरोना के मामलों में गिरावट दर्ज की गई है। इसके अलावा, पुणे, नागपुर, नासिक, लखनऊ, वाराणसी, सूरत, ग्वालियर और रायपुर में पिछले तीन सप्ताह से कोरोना के केस और पॉजिटिविटी रेट में कमी आई है।
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