भारत
CORONA: कोरोना से हुई मौतों पर 4 लाख का मुआवजा नहीं दे सकते, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी जानकारी
jantaserishta.com
20 Jun 2021 4:59 AM GMT
x
नई दिल्ली. कोरोना संक्रमण से जान गंवाने (Covid-19 Death) वालों के परिजनों को मुआवजा (Compensation) देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दायर याचिका पर केंद्र सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल कर दिया गया है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा नहीं दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि आपदा कानून के तहत अनिवार्य मुआवजा केवल प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़ आदि पर ही लागू होता है. सरकार की ओर से कहा गया है कि अगर एक बीमारी से होने वाली मौत पर अनुग्रह राशि दी जाए और दूसरी पर नहीं तो ये गलत होगा.
केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया है कि हर किसी कोरोना संक्रमित मरीज की मौत पर मुआवजा देना राज्यों के वित्तीय सामर्थ्य से बाहर है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से होने वाली मौत पर मुआवजा देने संबंधी याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका में केंद्र और राज्यों को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि देने का अनुरोध किया गया है.
केंद्र सरकार की ओर सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दाखिल किया गया है, उसमें कहा गया है कि कोरोना के प्रसार और प्रभाव के कारण जिन मरीजों की मौत हुई है, उन्हें प्राकृतिक आपदा के तहत मुआवजा नहीं दिया जा सकता है. सरकार की ओर से जानकारी देते हुए कहा गया कि केंद्र और राज्य पहले ही राजस्व की कमी और स्वास्थ्य खर्च में बढ़ोत्तरी होने के बाद से वित्तीय दबाव में हैं. अगर हमने कोरोना से होने वाली मौत पर 4 लाख मुआवजा देना शुरू कर दिया तो इससे महामारी के खिलाफ लड़ाई में उपयोग होने वाली राशि प्रभावित होगी.
बता दें कि देश में अबतक कोरोना से महामारी के कारण 3,86,713 लोगों की मौत हो चुक है. केंद्र सरकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि नीतिगत मामलों को कार्यपालिका पर छोड़ देना चाहिए. ऐसे में कोर्ट इस संबंध में कोई फैसला नहीं सुना सकती है. कोरोना पीड़ितों के लिए डेथ सर्टिफिकेट पर केंद्र ने कहा कि कोविड से हुई मौतों को मृत्यु प्रमाणपत्रों में कोविड मौतों के रूप में प्रमाणित किया जाएगा.
jantaserishta.com
Next Story