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कोरोना बेलगाम: श्मशान से कब्रिस्तान तक लाशों के ढेर, ज्यादा शव जलने से चिमनी पिघली, देखें खौफनाक वीडियो
jantaserishta.com
13 April 2021 11:34 AM GMT
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कोविड-19 महामारी के बीच शवों की संख्या बढ़ने से लगातार इस्तेमाल के कारण गुजरात के सूरत में कुछ शवदाह गृह में धातु की भट्ठियां पिघल रही हैं या उनमें दरार आ गयी है. अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि पिछले एक सप्ताह से शवों को जलाने के लिए कुरुक्षेत्र शवदाह गृह और अश्विनी कुमार शवदाह गृह में गैस आधारित भट्ठियां लगातार चालू हैं जिससे रख-रखाव के काम में दिक्कतें आ रही हैं.
पिछले दो दिनों में कोविड-19 से सूरत शहर में हर दिन 18-19 लोगों की मौत हुई हैं. शवदाह गृह का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट के अध्यक्ष कमलेश सेलर ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ''पिछले साल कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत होने के पहले कुरुक्षेत्र शवदाह गृह में हर दिन करीब 20 शवों का अंतिम संस्कार होता था. अब यह संख्या बढ़ गयी है. फिलहाल रोज करीब 100 शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है.''
सेलर ने कहा कि शवदाह गृह में छह गैस भट्ठी 24 घंटे जल रही हैं और तापमान 600 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. उन्होंने कहा कि इस कारण से लोहे की भट्ठी और चिमनी पिघलने लगी हैं और गर्मी के कारण इसमें दरार आ रही है. मशीन के इन हिस्सों को बदलना पड़ेगा. सूरत में सबसे पुराने अश्विनी कुमार शवदाह गृह में भी इसी तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं और इसके प्रबंधन ने गैस भट्ठियों के रख-रखाव संबंधी मुद्दों के कारण शवों को जलाने के लिए लकड़ी की चिताओं की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है.
गुजरात मॉडल का ढोल भी फट चुका है, सूरत की तस्वीर देखिए, लचर स्वास्थ्य व्यवस्था में इतने शव जले कि इलेक्ट्रॉनिक चिमनी खुद खाक हो गई।इतनी दर्दनाक और भयावह तस्वीरें है कि कलम कांप जाए लिखने में।
— Abhinav Pandey (@Abhinav_Pan) April 13, 2021
अब भी एंबुलेंस की कतार और ऑक्सिजन मास्क से ढंके चेहरों का संसार आज के गुजरात का सच है pic.twitter.com/s8bqLl3ZSt
शवदाह गृह के प्रबंधक प्रशांत कबरावाला ने कहा, ''हम 10 गैस भट्ठियों का संचालन करते हैं. इसके अलावा तीन स्थानों पर लकड़ियों से शवों का अंतिम संस्कार होता है. इससे पहले हर दिन 30 शवों का दाह-संस्कार होता था. अब 90-95 शवों का दाह संस्कार हो रहा है.'' उन्होंने कहा कि भट्ठियों के लगातार जलते रहने से उनमें कुछ की संरचना पिघल गयी. अत्यधिक तापमान के कारण कुछ पाइप और चिमनी भी टूट गयीं.
कबरावाला ने कहा, ''हाल में चार में से दो भट्ठियों में ताप रोधी ईंट लगायी गयी थी जो कि कुछ समय से बंद हैं. रख-रखाव का काम करने वाले हमारे इंजीनियर हर दिन शवदाह गृह आकर दिक्कतें दूर करते हैं.'' उन्होंने कहा कि रख-रखाव से जुड़े कार्य में लगातार दिक्कतें होने के कारण दो जगह और लकड़ियों की चिता की व्यवस्था करने का फैसला किया गया है.
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