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कोरोना को भी है जीने का हक, बयान से बुरे फंसे बीजेपी के पूर्व सीएम

Admin2
15 May 2021 1:11 PM GMT
कोरोना को भी है जीने का हक, बयान से बुरे फंसे बीजेपी के पूर्व सीएम
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कोरोना का कहर

पूर्व सीएम और भाजपा के वरिष्ठ नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोरोना वायरस भी एक प्राणी है। उसे भी जीने का अधिकार है। हम पीछे पड़े हैं तो वो भी बार बार रूप बदल रहा है। कोरोना वायरस को लेकर पूर्व सीएम का दार्शनिक अंदाज में दिया गया यह बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में त्रिवेंद्र कह रहे हैं कि मैं दार्शनिक पक्ष के साथ यह बात कर रहा हूं। वायरस भी एक प्राणी है और हम भी। हम अपने आपको सबसे ज्यादा बुद्धिमान मानते हैं। लेकिन वो प्राणी जीना चाहता है। उसे भी अधिकार है। हम उसके पीछे लगे हैं। वो बचना चाहता है। रूप बदल रहा है। बहुरूपिया हो गया है। इसलिए वायरस से दूरी बनाकर चलना होगा। तू भी चलता रह और हम भी चलते रहे। बस, हमें उसे तेज चलना होगा। ताकि वो पीछे छूट जाए। हमे इस पहलू की ओर सोचने की जरूरत है। वो भी एक जीवन है। अपने जीवन को बचाने के लिए वो तमाम रूप बदल रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री का यह बयान फेसबुक, व्हाट्सएप पर खूब वायरल हो रहा है। लोग आलोचना भी कर रहे हैं। लेकिन त्रिवेंद्र समर्थकों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने लोगों को कोरोना वायरस से बचने के लिए आगाह किया है।

त्रिवेंद्र सिंह रावत के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को अनुभवहीन बताए जाने के बयान के बाद कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत जोशी के बचाव में उतर आए। हरक सिंह ने जोशी को अनुभवी नेता बताया और साथ ही तंज किया कि यह समय एक-दूसरे को नीचा दिखाने का नहीं है। जोशी के सुर से सुर मिलाते हुए हरक सिंह ने कहा कि कोरोना की पहली लहर में चूक हुई। हरक का यह वीडियो बयान सोशल मीडिया पर वायरल है। एक दूसरे पर बयानी तीर छोड़ रहे सत्तारूढ़ पार्टी के दिग्गज नेताओं के इस रवैये पर आम आदमी पार्टी के प्रभारी दिनेश मोहनिया भी निशाना साधने से नहीं चूके। उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत मंत्रियों की आपसी लड़ाई से फुर्सत मिल जाए तो प्रदेश में कोविड की भयावहता पर भी एक नजर डालें। आपसी हिसाब चुकता करने को बहुत समय मिलेगा। अभी प्रदेश की जनता को बचा लीजिए।

जोशी को अनुभवहीन नेता कहे जाने वाले त्रिवेंद्र के बयान के बाद सोशल मीडिया पर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का बयान वायरल हुआ। इसमें उन्होंने गणेश जोशी अनुभवी नेता बताया। त्रिवेंद्र का नाम लिए बिना उन्होंने नसीहत भी दे डाली कि इस तरह की टीका टिप्पणी न करें तो ज्यादा अच्छा। यह एक-दूसरे को नीचा दिखाने व एक दूसरे की टांग खींचने का अवसर नहीं है। ऐसे समय में हम एक दूसरे की मदद नहीं करेंगे और राजनीति देखेंगे तो इससे नीचता का काम कोई नहीं हो सकता।

जोशी के बयान का समर्थन करते हुए उन्होंने भी कहा पहले जो कोरोना आया था, हमारी तैयारी होनी थी, उसमें चूक हुई है। उसके लिए हम तैयार नहीं हो पाए। हमने यह सोचा नहीं था, इस विकराल रूप में अचानक बीमारी दोबारा से आ जाएगी। सबने सोचा कि अब बिल्कुल ठीक हो गया। पहले जैसी जनसभाएं होने लगी। वैसे कार्यक्रम होने लगे। जनसभाओं में भीड़ उमड़ने लगी। हरक सिंह के इस बयान को जहां जोशी के बचाव के रूप में देखा जा रहा है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत पर कटाक्ष भी माना जा रहा है।

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