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कोरोना ने रिश्तों में भी गहरी खाई खोदी: बुजुर्ग को परिवार वाले घर पर अकेला छोड़कर गए, पुलिस का जवान फरिश्ता बनकर ऐसे आया
jantaserishta.com
19 April 2021 11:30 AM GMT
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कोरोना वायरस ने जहां पर लोगों को मौत के मुंह में धकेला है, वहीं रिश्तों में भी गहरी खाई खोदी है. दिल्ली से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां पर एक बुजुर्ग को उसके परिवार वाले घर पर भगवान भरोसे अकेला छोड़कर चले गए.
ऐसे मुश्किल समय में दिल्ली पुलिस का एक जवान फरिश्ता बनकर आया और उसने बुजुर्ग की मदद की. पुलिस कांस्टेबल राजू राम बुजुर्ग को राम मनोहर लोहिया अस्पताल लेकर गए. जहां पर उनका एक्स-रे कराया गया और पता चला कि उनकी छाती में इंफेक्शन है और उन्हें सांस लेने में भी काफी दिक्कत आ रही है. वो इस समय डॉक्टरों की निगरानी में है.
दिल्ली के राजेंद्र नगर थाने में सूचना मिली कि एक बुजुर्ग अपने घर पर अकेले हैं, जहां पर उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. कांस्टेबल राजू राम मौके पर पहुंचे लेकिन जैसे ही उनकी नजर घर के बाहर लगे एक पोस्टर पर लगी तो वो दंग रह गए. उस पोस्टर 80 साल के बुजुर्ग मुरलीधर ने लिखा था कि अगर उनकी मौत हो जाए तो उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए पुलिस के हवाले कर दिया जाए.
कांस्टेबल राजू राम ने घर के अंदर घुसे तो देखा एक बुजुर्ग बेड पर अकेला लेटा हुआ था. राजू राम ने उनसे बात की और अस्पताल चलने के लिए कहा. इस पर बुजुर्ग मुरलीधर ने मना कर दिया लेकिन कांस्टेबल राजू राम ने उन्हें समझाया और अस्पताल के लिए राजी कर लिया और तुरंत ही इसकी सूचना उनके परिजनों को दे दी.
बुज़ुर्ग मुरलीधर सीआईडी ऑफिसर रह चुके हैं. और उनकी तीन बेटियां हैं, जिनकी शादी हो चुकी है. उनमें से दो बेटियां दिल्ली में और एक बाहर रहती हैं. कालकाजी में रहने वाली उनकी बेटी ने पुलिस पीसीआर को कॉल करके उनके बारे में सूचना देकर मदद मांगी थी.
कांस्टेबल राजू राम ने अपने साथी कांस्टेबल प्रदीप को अपने पास बुला लिया और दोनों ने मिलकर बुजुर्ग मुरलीधर को अस्पताल ले जाने के लिए राजी किया. कैट्स की एंबुलेंस से उन्हें आरएमएल अस्पताल ले जाया गया. दोनों पुलिसवाले पीपीई किट पहनकर ऊपर गए थे. कांस्टेबल राजू राम और उनके साथी प्रदीप की पूरे महकमे में जमकर तारीफ हो रही है.
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