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11 परिवारों का धर्मांतरण: शव दफनाने की नहीं मिली जगह, आखिर में आंगन में ही दफनाना पड़ा शव

HARRY
14 Sep 2021 10:29 AM GMT
11 परिवारों का धर्मांतरण: शव दफनाने की नहीं मिली जगह, आखिर में आंगन में ही दफनाना पड़ा शव
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पुलिस के बीच बचाव के बाद शव को घर के आंगन में दफनाने का निर्णय परिवार वालों ने लिया.

चाईबासा: झारखंड के पश्चिम सिंहभूम (West Singhbhum) के टोंटो थाना क्षेत्र के दुरुला गांव में आदिवासी से धर्मांतरण कर ईसाई धर्म अपनाना एक परिवार को महंगा पड़ गया. धर्मांतरण कर ईसाई बने परिवार में एक शख्स की मौत के बाद आदिवासी समाज ने शव को आदिवासी 'हो समाज' के कब्रिस्तान ससन दीरी में दफनाने नहीं दिया. आखिरकार ईसाई धर्म अपनाने वाले परिवार को अपने घर के आंगन में ही शव को दफनाना पड़ा.

घटना आज मंगलवार की है जब एक शख्स की मौत के बाद शव को दफनाने की जद्दोजहद में मामला इतना तूल पकड़ा कि आखिरकार पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा तब जाकर 40 घंटे के लंबे समय बाद शव को घर के आंगन में दफनाया जा सका.
दुरुला गांव में 'हो समुदाय' के लोगों ने अपने ससन दिरी, कब्रिस्तान में ईसाई परिवार को शव दफनाने से रोक दिया. 'हो समुदाय' का कहना था कि धर्मांतरण करने वाले परिवार के शव को वंशजानुसार ससन दिरी कब्रिस्तान में दफनाने नहीं दिया जाएगा. ग्रामीणों के विरोध के बाद ईसाई परिवार ने वंशजानुसार ससन दिरी में शव को नहीं दफनाया.
शव दफनाने के लिए ईसाई परिवार ने जैसे ही ससन दीरी में खुदाई शुरू ही की थी कि दूसरी तरफ विरोध शुरू हो गया. ग्रामीणों ने आदिवासी 'हो समाज' युवा महासभा के लोगों को जानकारी दी. इस विवाद को निपटाने के लिए गांव में बैठक करने पर सहमति बनी. बैठक में 'हो समुदाय' के ससन दिरी (कब्रिस्तान) स्थल में शव को नहीं दफनाने देने का फैसला लिया गया. फिर भी मामला शांत नहीं हुआ.
पुलिस के बीच बचाव के बाद शव को घर के आंगन में दफनाने का निर्णय परिवार वालों ने लिया. परिवार के सदस्य आंगन में शव को दफनाने के पक्ष में नहीं थे. जानकारी के अनुसार पुलिस के दबाव में शव आंगन में दफनाया गया. मालूम रहे कि शनिवार को ही 25 साल के अमृत लाल बोयपाई की मृत्यु किसी बीमारी से हो गई थी.
इस दुरुला गांव में लगभग 11 परिवार का धर्मांतरण ईसाई धर्म में हो चुका है. धार्मिक मुद्दे को लेकर कई दौर की पंचायत भी बैठ चुकी है. इसमें कुछ धर्मांतरण परिवार का सामाजिक बहिष्कार भी किया गया है. जिसका मामला थाना तक जा पहुंचा और थाना प्रभारी ने दोनों पक्ष को समझा-बुझाकर गांव में शांति-व्यवस्था के साथ रहने की सलाह दी.
ग्रामीणों ने बाहर के लोगों द्वारा गांव में लोगों को भड़काने, प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने और पुलिस-प्रशासन का भय दिखाने को लेकर थाना प्रभारी से शिकायत की. थाना प्रभारी ने ग्रामीणों के गुस्से को शांत कराते हुए बाहर से आकर गांव वालों को न भड़काने और गांव की शांति-व्यवस्था को न बिगाड़ने के लिए धर्म प्रचारकों को कड़ी चेतावनी भी दी है, साथ ही साथ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.


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