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बटर चिकन-दाल मखनी को लेकर विवाद, हाईकोर्ट ने मालिकों को दिया ये निर्देश

jantaserishta.com
27 March 2024 3:04 AM GMT
बटर चिकन-दाल मखनी को लेकर विवाद, हाईकोर्ट ने मालिकों को दिया ये निर्देश
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सांकेतिक तस्वीर

उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
नई दिल्ली: बटर चिकन और दाल मखनी का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है, लेकिन इन दोनों व्यंजनों को सबसे पहले किसने बनाया था, इसकी लड़ाई हाईकोर्ट पहुंच गई है। दरअसल, रेस्तरां चेन दरियागंज-2 ने बटर चिकन की उत्पत्ति को लेकर मोती महल के मालिकों द्वारा एक साक्षात्कार के दौरान की गई कथित अपमानजनक टिप्पणियों के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
मोती महल के मालिक ने यह दावा करते हुए मुकदमा दायर किया है कि उनके पूर्ववर्ती स्वर्गीय कुंदन लाल गुजराल ने बटर चिकन और दाल मखनी का आविष्कार किया था, जबकि दरियागंज-2 रेस्तरां व्यंजनों की उत्पत्ति पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने मोती महल के मालिकों को निर्देश दिया कि वह एक हलफनामा दाखिल करें, जिसमें प्रकाशित लेखों में कथित बयान से खुद को अलग करने के उनके प्रयास की पुष्टि की गई हो।
दरियागंज-2 रेस्तरां ने उच्च न्यायालय में दाखिल अपनी अर्जी में लेख में अपमानजनक बयानों के बारे में चिंता जताई जो पहले वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित हुआ और फिर अन्य वेबसाइटों द्वारा प्रसारित और पुन मुद्रित किया गया। दरियागंज ने तर्क दिया है कि लेख में प्रकाशित टिप्पणी उसकी रेस्तरां श्रृंखला की प्रतिष्ठा पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। मोती महल के मालिकों ने उनके हवाले से की गई टिप्पणियों से खुद को अलग करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि लेख में व्यक्त किए गए भाव उनके प्रत्यक्ष संवाद या इरादों को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं।
पिछले कई वर्षों से दोनों रेस्तरां श्रृंखलाएं दावा करती रही हैं कि उन्होंने बटर चिकन और दाल मखनी को ईजाद किया है। इस साल की शुरुआत में मोती महल ने दोनों व्यंजनों का श्रेय लेने और उनसे संबंधित होने का दावा करने के लिए दरियागंज-2 पर मुकदमा दायर किया था। मोती महल के मालिकों ने दरियागंज रेस्तरां के मालिकों को यह दावा करने से रोकने की मांग की कि उनके पूर्ववर्ती स्वर्गीय कुंदन लाल जग्गी इन दो व्यंजनों का ईजाद किया था।
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