योगगुरु रामदेव के एलोपैथी वाले बयान को लेकर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. अब बिहार की राजधानी पटना में IMA ने योगगुरु रामदेव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पटना के पत्रकार नगर थाने में योगगुरु रामदेव के एलोपैथी वाले आपत्तिजनक बयान के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है. IMA के मानद राज्य सचिव डॉक्टर सुनील कुमार ने इस दौरान सरकार से रामदेव पर कार्रवाई की मांग भी की है. शिकायत में लिखा है कि वर्तमान कोविड वैश्विक महामारी में बिहार भर के आधुनिक चिकित्सा पद्धति के सरकारी एवं गैर सरकारी चिकित्सकों ने कोविड-19 महामारी के विरुद्ध जागरुकता, रोकथाम, बीमारी की पहचान, इलाज, टीकाकरण में केंद्र और राज्य सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार लगातार काम करते हुए कोविड 19 जैसी खतरनाक बीमारी से हजारों लोगों को मौत के मुंह से बचाया है.
इस दौरान हमने 151 से ज्यादा चिकित्सकों को भी कोविड 19 संक्रमण से खोया है. केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने आधुनिक चिकित्सा पद्धति एवं इसके चिकित्सकों को बार बार सम्मान करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया है. ऐसे समय में जब बिहार और देश कोविड 19 की दूसरी खतरनाक लहर से जूझ रहा था, योगगुरु रामदेव और उनके अनाम साथियों ने आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के चिकित्सकों और चिकित्सक शहीदों की खिल्ली उड़ाते हुए हमारे आधुनिक चिकित्सा पद्धति के प्रति आम लोगों के मन में भ्रम, अविश्वास और गलत आरोप लगाए हैं. इससे हमारे चिकित्सकों की भावनाएं आहत हुई हैं.योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि आईएमए के खिलाफ दिए गए बयान को मैं वापस लेता हूं. मैं उन डॉक्टरों को प्राणम करता हूं जिन्होंने कोरोना संकट में अपने प्राण त्याग कर दूसरों की जिंदगी को बचाया है.स्वामी रामदेव ने कहा कि आईएम के भद्द रवैये के चलते बात उभरकर सामने आई. जब वो आयुर्वेद को स्यूडो-साईंस कहते हैं. एलोपैथी में बहुत से ऐसे डॉक्टर हैं जो कहते हैं कि 90 प्रतिशत रोगी घरपर रहकर ही, अपने खान पान को ठीक करके ठीक हो सकते हैं. रामदेव ने आगे कहा कि जब मैंने यह कह दिया कि 10 प्रतिशत रोगी ही एलोपैथ से ठीक हुए तो घरों पर रहकर 90 प्रतिशत लोगों ने खुद को ठीक किया है. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद का और योग का अनादर हुआ है.
आईएमए बार-बार बल्ब को पेंट को और साबुन को बार-बार प्रमाणित करने का काम कर रहा है. जबकि कोरोनिल को अप्रमाणिक कहकर आयुर्वेद का मजाक उड़ाता है. विवाद इस बात से है मैंने यह कहा है.