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आतंकी साजिश मामला: 15 जगहों पर छापेमारी जारी, चार राज्यों में पुलिस टीम की दबिश
jantaserishta.com
20 Feb 2022 4:23 AM GMT
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जानिए पूरा मामला।
नई दिल्ली: पुरानी सीमापुरी से बरामद विस्फोटक के मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की कई टीमें संदिग्धों की तलाश में दिल्ली-एनसीआर और यूपी, पंजाब व मध्य प्रदेश के विभिन्न इलाकों में करीब 15 जगहों पर छापेमारी कर रही हैं। छापेमारी में दिल्ली पुलिस की टीम के साथ ही संबंधित प्रदेशों की पुलिस से भी सहयोग लिया जा रहा है। एक तरफ जहां यूपी एटीएस की टीम अपने स्तर पर संदिग्धों की जांच में जुटी हुई है तो दूसरी तरफ पंजाब व मध्य प्रदेश की पुलिस की मदद से भी जानकारी जुटाई जा रही है।
मकान मालिक हाशिम अहमद, प्रॉपर्टी डीलर शमीम अहमद व दो संदिग्धों समेत अब तक कुल छह लोगों से पूछताछ की है। स्पेशल सेल की पूछताछ के दायरे में आने वालों में मकान में दूसरी मंजिल पर रहने वाले दो किरायेदार व अन्य दो लोग शामिल हैं, जिनके नामों का खुलासा पुलिस ने जांच का हवाला देते हुए नहीं किया है। आशंका जताई जा रही है कि इनमें से कुछ के संबंध मकान में आईईडी रखने वालों से हो सकते हैं।
संदिग्धों की पहचान के प्रयास : दिल्ली पुलिस फरार संदिग्धों की पहचान का प्रयास कर रही है। इसके लिए मकान मालिक व प्रॉपर्टी डीलर से पूछताछ कर हुलिये के आधार पर दो संदिग्धों के स्केच तैयार किए गए हैं। पुलिस इन स्कैच के आधार पर आसपास के इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालकर संदिग्धों की पहचान करने में जुटी है। इसके अलावा कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबरों की सीडीआर भी खंगाली जा रही है।
कई नंबरों की जांच हो रही : पुलिस की जांच के दायरे में 47 मोबाइल नंबर हैं। इनमें से कुछ नंबरों की स्पेशल सेल पहले से जांच कर रही थी, जबकि सीमापुरी में विस्फोटक मिलने के बाद अन्य नंबरों की जांच शुरू की गई है।
बाइक बरामदगी के बाद वहां संक्रिय संदिग्ध मोबाइल नंबरों की जांच की गई। इसमें एक संदिग्ध मोबाइल की लोकेशन पुराना सीमापुरी के सुनारों वाली गली में मिली तो पुलिस सीमापुरी स्थित मकान में पहुंची। हालांकि संदिग्ध पहले ही फरार हो गए थे। कई दिन की निगरानी के बाद भी जब संदिग्ध नहीं आए तो गुरुवार को पुलिस ने सीमापुरी के डी-ब्लॉक, मकान नंबर-49 स्थित उनके कमरे की तलाशी ली, जहां से विस्फोटक बरामद किया गया।
फरार संदिग्धों से मिलने वाले लोग पुलिस की पूछताछ के दायरे में हैं। मकान मालिक हाशिम और प्रॉपर्टी डीलर शमीम से प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि दूसरी मंजिल दो लोगों को किराए पर दी गई थी, लेकिन उनका पुलिस सत्यापन नहीं कराया गया था। दोनों किरायेदारों ने खुद को छात्र बताते हुए यूपी के गरीब परिवारों से होने की बात कही थी। संदिग्धों ने कहा था कि वे दिल्ली में पढ़ने के लिए आए हैं।
जांच एजेंसियों को शक है कि सीमापुरी, गाजीपुर मंडी और कुल्लू के मामले में एक ही ग्रुप ने आईईडी एसेम्बल किया है। आईईडी को पाकिस्तान बॉर्डर पर एसेम्बल कर राजस्थान, पंजाब व कश्मीर के रास्ते दिल्ली पहुंचाया गया। इसमें कश्मीर व पंजाब में गुपचुप तरीके से आतंकी संगठनों के लिए काम करने वाले स्लीपर सेल ने मदद की है। इन्हीं के जरिए दिल्ली तक विस्फोटक पहुंचा है।
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