भारत

ब्रेकिंग: कनाडा में भारत के खिलाफ साजिश, आया ये बड़ा अपडेट

jantaserishta.com
10 Oct 2022 9:46 AM GMT
ब्रेकिंग: कनाडा में भारत के खिलाफ साजिश, आया ये बड़ा अपडेट
x

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: भारत के कड़े विरोध के बावजूद कनाडा में भारत विरोधी खालिस्तानी मूवमेंट रुकने का नाम नहीं ले रहा है. इससे पहले खालिस्तानी चरमपंथियों ने ब्रैम्पटन में स्वामीनारायण मंदिर जैसे भारतीय मंदिरों में तोड़फोड़ की थी, इस घटना को लेकर कनाडा पुलिस की जांच अभी तक पूरी नहीं हुई है. कनाडा में 6 नवंबर को होने वाले खालिस्तानी जनमत संग्रह को लेकर भारत सरकार ने एक आपत्ति पत्र लिखा है. भारत ने कहा है कि यह जनमत संग्रह भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा है. इस जनमत संग्रह का उपयोग कट्टरपंथियों द्वारा भारत में सिख समुदाय के खिलाफ गैर-मौजूद अत्याचारों के नाम पर अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी से धन उगाही करने के रूप में किया जाता है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के उच्च अधिकारियों ने कनाडा के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखते हुए कहा है कि 6 नवंबर को ओंटारियो में होने वाले तथाकथित खालिस्तानी जनमत संग्रह भारत की संप्रभुता और अखंडता को चुनौती है. जस्टिन ट्रूडो सरकार इस जनमत संग्रह को रोकने के लिए कदम उठाए. इसको लेकर कनाडा के राजधानी ओटावा स्थित भारतीय दूतावास अगले सप्ताह कनाडा के ग्लोबल अफेयर्स में भी इस मुद्दे को उठाएगी.
भारत ने इससे पहले भी सिख चरमपंथी जे एस पन्नू द्वारा संचालित एसएफजे ( Sikh for Justice) मुद्दे को उठाया था. भारत ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि इस जनमत संग्रह का उपयोग भारतीय प्रवासियों को बांटने के लिए किया जाएगा. जिसके बाद 16 सितंबर को कनाडा की सरकार ने कहा था कि वह भारत की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान करती है और तथाकथित जनमत संग्रह की अनुमति नहीं देती है. इसके बावजूद 18 सितंबर को ओंटारियो के ब्रैम्पटन में भारत विरोधी खालिस्तानी मूवमेंट का जनमत संग्रह आयोजित किया गया था. यह जनमत संग्रह एक निजी कॉन्वेंशन सेंटर में हुआ था. इस पर ट्रूडो सरकार ने सफाई देते हुए कहा था कि उनके देश में किसी भी व्यक्ति को कानून के दायरे में रहकर शांतिपूर्ण तरीके से अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है.
भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने कनाडा के समकक्ष अधिकारियों को अगाह करते हुए कहा है कि पन्नू खालिस्तान के नाम पर सिख युवाओं को बड़े पैमाने पर कट्टरपंथी बना रहा है, पन्नू जैसे सिख चरमपंथी को खुला छोड़कर वह आग से खेल रही है. भारतीय वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि अगर ट्रूडो सरकार ने इन चरमपंथियों को युवाओं का ब्रेनवॉश करने और गुरुद्वारों पर कब्जा करने से नहीं रोका तो कट्टरपंथी कनाडा में खालिस्तान बना सकते हैं.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो रूस द्वारा यूक्रेन अधिकृत क्षेत्र में जनमत संग्रह का विरोध करते हुए ट्वीट तो करते हैं, लेकिन सिख वोट बैंक के कारण भारत के कड़े विरोध के बावजूद वह भारत विरोधी मूवमेंट को रोकने को लेकर कोई कदम नहीं उठा रहे.
Next Story