कांग्रेस नेता अहमद पटेल का निधन
पिछले एक माह से कोरोना से संक्रमित थे, बेटे फैजल से फोन पर पीएम ने की बात
नई दिल्ली (ए/नेट डेस्क/टीवी चैनल्स)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का निधन हो गया है। अहमद पटेल एक महीना पहले कोरोना से संक्रमित हुए थे। इसके बाद उनका इलाज चल रहा था। अहमद पटेल के बेटे फैजल पटेल ने ट्वीट कर कहा कि उनके पिता अहमद पटेल का आज सुबह 3 बजकर 30 मिनट पर निधन हो गया है।
जानकारी के मुताबिक अहमद पटेल का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। इसी अस्पताल में उनका निधन हुआ है। अहमद पटेल को गुजरात के भरूच स्थित उनके पैतृक गांव पीरामन में ही सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। अहमद पटेल की ये इच्छा थी कि उन्हें उनके माता-पिता के साथ ही दफन किया जाए, जिसके बारे में उन्होंने अपने बेटे को कहा था। फैजल पटेल ने ट्वीट कर कहा कि वे बेहद दुख के साथ अपने पिता अहमद पटेल की दुखद और असामयिक मृत्यु की घोषणा कर रहे हैं। फैजल पटेल ने कहा कि 25 तारीख को सुबह 3.30 पर उनके पिता का निधन हो गया।
71 साल के अहमद पटेल तीन बार लोकसभा के सदस्य रहे हैं और 5 बार राज्यसभा के सांसद रहे हैं। अगस्त 2018 में उन्हें कांग्रेस पार्टी का कोषाध्याक्ष नियुक्त किया गया था। पहली बार 1977 में 26 साल की उम्र में भरूच से लोकसभा का चुनाव जीतकर अहमद पटेल संसद पहुंचे थे। हमेशा पर्दे के पीछे से राजनीति करने वाले अहमद पटेल कांग्रेस परिवार के विश्वस्त नेताओं में गिने जाते थे। वे 1993 से राज्यसभा सांसद थे।
26 साल की उम्र में बने थे सांसद : आपतकाल के चलते 1977 के लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस औंधे मुंह गिरी थी और गुजरात ने उसकी कुछ साख बचाई थी, तो अहमद पटेल उन मु_ीभर लोगों में एक थे, जो संसद पहुंचे थे। अहमद पटेल 1977 में 26 साल की उम्र में भरुच से लोकसभा चुनाव जीतकर तब के सबसे युवा सांसद बने थे। उनकी जीत ने इंदिरा गांधी समेत सभी राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया था। इसके बाद 1980 और 1984 में इसी भरुच सीट से जीतकर सांसद पहुंचे थे। 1980 में कांग्रेस की वापसी के बाद जब इंदिरा गांधी ने अहमद को कैबिनेट में शामिल करना चाहा, तो उन्होंने संगठन में काम करने को प्राथमिकता दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत देश के कई बड़े राजनेताओं ने अहमद पटेल के निधन पर दुख व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री ने जताया दुख : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के निधन पर गहरा दुख जताया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि वे अहमद पटेल के निधन से दुखी हैं। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने समाज की सेवा करते हुए सालों गुजारे। पीएम मोदी ने कहा है कि तेज दिमाग वाले अहमद पटेल को कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। मैंने उनके बेटे फैजल से बात की है और अपनी संवेदना प्रकट की है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि अहमद भाई की आत्मा को शांति मिले। उन्होंने बेटे फैजल से फोन पर बात की।
सोनिया बोलीं वफादार दोस्त खो दिया : कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले अहमद पटेल के निधन से पार्टी में शोक की लहर है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि मैंने एक सहयोगी को खो दिया है, जिसका पूरा जीवन कांग्रेस पार्टी को समर्पित था। उनकी ईमानदारी और समर्पण, कर्तव्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, हमेशा मदद करने की कोशिश, उदारता। उनमें यह सभी दुर्लभ गुण थे, जो उन्हें दूसरों से अलग करते थे।
सोनिया गांधी ने कहा कि मैंने एक वफादार सहयोगी, एक दोस्त और एक ऐसे कॉमरेड को खो दिया, जिसकी जगह कोई नहीं ले सकता है। मैं उनके निधन पर शोक व्यक्त करती हूं और मैं उनके शोक संतप्त परिवार के लिए को सांत्वना देती हूं। अहमद पटेल के परिवार के प्रति सहानुभूति और समर्थन की सच्ची भावना प्रदान करती हूं।
राहुल-प्रियंका की भावुक श्रद्धांजलि : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के निधन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। राहुल गांधी ने कहा है कि अहमद पटेल पार्टी के एक स्तंभ थे। राहुल ने कहा कि अहमद पटेल ने कांग्रेस को ही जिया।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि ये दुखद दिन है। राहुल ने कहा कि जब कांग्रेस पार्टी सबसे बुरे दौर में थी उस वक्त भी वे पार्टी के साथ खड़े रहे। वे एक बेजोड़ धरोहर की तरह थे। हमलोग उन्हें याद करेंगे। फैजल, मुमताज और पूरे परिवार को मेरी संवेदनाएं और प्यार।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी अहमद पटेल के निधन पर शोक जताया है। प्रियंका गांधी ने कहा है कि अहमद पटेल न सिर्फ बुद्धिमान और अनुभवी साथी थे जिनके पास मैं हमेशा सलाह और सहयोग के लिए जाती थी, बल्कि वो एक मित्र के भी समान थे, जो हमलोगों के साथ विश्वसनीय साथी के तौर पर खड़े रहे।
दिग्विजय सिंह ने कहा दिग्विजय सिंह ने कहा कि कोई भी कितना ही गुस्सा हो कर जाए उनमें यह क्षमता थी वे उसे संतुष्ट कर ही भेजते थे। मीडिया से दूर, पर कांग्रेस के हर फैसले में शामिल। कड़वी बात भी बेहद मीठे शब्दों में कहना उनसे सीख सकता था। कांग्रेस पार्टी उनका योगदान कभी भी नहीं भुला सकती। अहमद भाई अमर रहें।
कांग्रेस का चाणक्य कहा जाता था अहमद पटेल को
अहमद पटेल को 10 जनपथ का चाणक्य कहा जाता था। गांधी परिवार के सबसे करीब और कांग्रेस के बेहद ताकतवर असर वाले अहमद लो-प्रोफाइल रहते थे और खुद को साइलेंट मोड पर रखते थे। गांधी परिवार के अलावा किसी को नहीं पता कि उनके दिमाग में क्या रहता था। 2004 से 2014 तक केंद्र की सत्ता में कांग्रेस के रहते हुए अहमद पटेल की राजनीतिक ताकत सभी ने देखी है। कांग्रेस संगठन ही नहीं बल्कि सूबे से लेकर केंद्र तक में बनने वाली सरकार में कांग्रेस नेताओं का भविष्य भी अहमट पटेल तय करते थे। यूपीए सरकार में पार्टी की बैठकों में सोनिया जब भी ये कहतीं कि वो सोचकर बताएंगी, तो मान लिया जाता कि वो अहमद पटेल से सलाह लेकर फैसला करेंगी। यहां तक कि यूपीए 1 और 2 के ढेर सारे फैसले पटेल की सहमति के बाद लिए गए। यही नहीं कांग्रेस की कमान भले ही गांधी परिवार के हाथों में रही हो, लेकिन अहमद पटेल के बिना पत्ता भी पार्टी में नहीं हिलता था। यानी रिमोट उन्हीं के पास रहता था। अहमद पटेल देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे। गांधी परिवार के साथ-साथ उन्हें कांग्रेस का संकट मोचक नेता माना जाता था। कहा जाता है कि अहमद पटेल की वजह से सोनिया गांधी भारतीय राजनीति में खुद को स्थापित कर पाई हैं। अपने प्रधानमंत्री पति राजीव गांधी की हत्या के बाद इतनी बड़ी पार्टी संभाल पाईं, नरसिम्हा राव जैसे नेताओं से रिश्ते बिगडऩे के बावजूद बनी रहीं। सोनिया के इस सफर के पीछे अहमद पटेल का बड़ा हाथ रहा है। बता दें कि गुजरात के भरूच जिले के अंकलेश्वर में 21 अगस्त 1949 को पैदा हुए अहमद पटेल तीन बार लोकसभा सांसद और पांच बार राज्यसभा सांसद रहे। अहमद पटेल के पिता मोहम्मद इशकजी पटेल भरूच की तालुका पंचायत सदस्य थे और कांग्रेस के नेता थे। अहमद पटेल ने अपने पिता की उंगली पकड़कर राजनीति सीखी और कांग्रेस के पंचायत तालुक के अध्यक्ष बने। हालांकि, अहमद पटेल ने अपने बच्चों को राजनीति से दूर रखा है।1976 में उन्होंने मेमूना अहमद से शादी की और उनके दो बच्चे हुए। एक बेटा और बेटी हैं।
कांग्रेस के आधार स्तंभ थे
अहमद पटेल गुजरात से आते थे, वे कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य, कोषाध्यक्ष और गांधी परिवार के बेहद करीबी थे, सही मायने में कहा जाए तो राजनीति के चाणक्य थे। हर परिस्थिति में पार्टी के साथ खड़े रहते थे, यही वजह है कि वे कांग्रेस और गांधी परिवार के बेहद नजदीकी नेताओं में से एक थेे। कांग्रेस को मजबूत करने में उनका काफी योगदान रहा, वे कांग्रेस के मजबूत स्तंभ थे। राजनीतिज्ञ के तौर पर अहमद पटेल से सभी के रिश्ते बहुत अच्छे थे उनका जाना कांग्रेस के लिए अपूरणीय क्षति है। एक योग्य और इमानदार और अनुभवी नेता कांग्रेस ने खो दिया है। गांधी परिवार के विश्वस्त लोगों में से एक अहमद पटेल पिछले 1 माह पहले कोरोना से पीडि़त थे । मेदांता में उनका इलाज चल रहा था, वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। अहमद पटेल कांग्रेस के धूरी थे। गांधी परिवार और अन्य नेताओं के बीच सेतु का भी कार्य करते थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ की राजनीति को करीब से देखा था, हालांकि यहां की राजनीति में सीधे तौर पर दखल नहीं रखते थे लेकिन दिल्ली में रहकर हमेशा छत्तीसगढ़ की राजनीति का हालचाल लेते रहते थे। जनता से रिश्ता के प्रबंध संपादक पप्पू फरिश्ता के राजनीतिक गुरु अहमद पटेल थे, उनके व्यवहार से काफी प्रभावित हुआ निर्विवाद छवि के दमदार नेता थे, राजनीति कैसे करनी है अहमद भाई से सीखें, वे विरोधियों को भी अपना मुरीद कर लेते थे। वे राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ी थे। राज्यसभा चुनाव में भाजपा के चाणक्य को अपने चाल में फंसा कर चुनाव जीतकर सबको हैरत में डाल दिया. अन्य दलों के नेता भी अहमद भाई के बहुप्रतिभा के कायल थे। उन्होंने 1977 में विपरित परिस्थति में भी वे गुजरात से लोकसभा चुनाव जीत कर सदन में पहुंचे थे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,अमित शाह, सोनिया गांधी, राहुल गांधी , प्रियंका गांधी, भूपेश बघेल ,दिग्विजय सिंह,कॅप्टन अमरिंदर सिंह,नारायण सामी सहित अन्य नेताओं ने ट्विट कर शोक संवेदना प्रकट की है।