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कांग्रेस की शानदार जीत, गरीब किसान का बेटा बना महापौर, जानें इनके बारे में

jantaserishta.com
18 July 2022 2:38 AM GMT
कांग्रेस की शानदार जीत, गरीब किसान का बेटा बना महापौर, जानें इनके बारे में
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

भोपाल: मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण की मतगणना रविवार को हुई. कुल 11 नगर निगमों के महापौर पदों में से 7 पर भाजपा, 3 पर कांग्रेस और एक पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को जीत मिली है. लेकिन छिंदवाड़ा महापौर पद का चुनाव जीतने वाले कांग्रेस उम्मीदवार विक्रम आहाके सबसे ज्यादा चर्चा में हैं. इसकी वजह यह है कि गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले विक्रम महज 30 साल की उम्र में शहर के प्रथम नागरिक बनने जा रहे हैं.

विक्रम आहाके छिंदवाड़ा जिले के राजाखोह गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता नरेश आहाके किसान हैं और मां निर्मला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं. विक्रम महज 30 साल की उम्र के छिंदवाड़ा के पहले महापौर होंगे. कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने वाले विक्रम ने ग्रेजुएशन किया है और खेती-किसानी उनका मुख्य पेशा रहा है. अब तक विक्रम आहाके कांग्रेस आदिवासी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष थे.
दरअसल, छिंदवाड़ा को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ कहा जाता है और एक लंबे अंतराल के बाद छिंदवाड़ा महापौर पद पर कांग्रेस ने एक बड़ी जीत दर्ज की है. कांग्रेस की यह 18 साल बाद जीत हुई है. इस चुनाव में कांग्रेस के विक्रम आहाके ने भाजपा प्रत्याशी अंनत धुर्वे को विक्रम ने 3786 मतों से मात दी है. जहां विक्रम को 64363 मत प्राप्त हुए, तो वहीं 60577 वोट अनंत धुर्वे को मिले. छिंदवाड़ा में कुल मतों की संख्या 130907 रही.
छिंदवाड़ा में कांग्रेस ने महापौर पद के साथ-साथ वार्ड पार्षद के 30 पदों पर भी जीत दर्ज की है. वहीं, भाजपा की बात की जाए तो महापौर प्रत्याशी अंनत धुर्वे ने निगम सहायक आयुक्त पद से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ा था. भाजपा ने कमलनाथ के गढ़ में हरसंभव प्रयास किया. प्रयास भी ऐसा कि शिवराज सिंह चौहान खुद दो बार अपने प्रत्याशी के समर्थन में उतरे, लेकिन शहर की जनता ने सामान्य नेता पर भरोसा जताया.
विजयी कांग्रेस प्रत्याशी का विक्रम आहाके का कहना है कि यह जीत छिंदवाड़ा की जनता की जीत है. कमलनाथ जी और नकुलनाथ जी के नाम पर विश्वास जताया है. मैं छिंदवाड़ा की समस्त जनता का ह्रदय आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने कांग्रेस के 18 साल के वनवास को जीत में तब्दील कर दिया.
चुनाव में पराजित बीजेपी प्रत्याशी अनंत धुर्वे का कहना है कि अपनी पीठ किसी को दिखाई नहीं देती. उसी प्रकार हो सकता है कि कुछ कमी रह गई हो. जनता का जो मत है, वो सर्वमान्य है. आने वाले समय में और अच्छे भाव से सेवा करेंगे.
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