रैली के जरिए बीजेपी को घेरेगी कांग्रेस, पूरे राजस्थान में लगाए गए राहुल गांधी के पोस्टर
जयपुर से कांग्रेस महंगाई के मुद्दे पर बीजेपी पर बड़ा हमला बोलने की तैयारी कर रही है. इस मौके पर राहुल गांधी किसानों के मुद्दे पर बीजेपी को घेरेंगे. पूरे राजस्थान में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बजाय राहुल गांधी के बैनर-पोस्टर और होर्डिंग्स लगाए गए हैं. जानकारों की मानें तो राहुल गांधी रैली के बाद हॉट सीट पर लौटेंगे. जयपुर में जिस तरह कांग्रेस की महंगाई हटाओ रैली की तैयारी हो रही है, उसे देखते हुए कांग्रेस में अखिल भारतीय स्तर पर संगठन के चुनाव को लेकर शुरू हुई कवायद के बीच 12 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी रैली को तैयारी के लिहाज़ से देखा जा रहा है.
राष्ट्रव्यापी रैली में जयपुर समेत राजस्थान के विभिन्न जिलों में जो होर्डिंग्स और बैनर लगाए गए हैं, उनमें राहुल गांधी पर ही फोकस किया गया है. भले ही सोनिया गांधी कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, लेकिन पोस्टर और बैनर में सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस के दूसरे नेताओं की छोटी तस्वीरें लगाई गई हैं. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने राहुल गांधी की री-लॉन्चिंग के बारे में कहा कि राहुल गांधी तो पीएम मोदी के ख़िलाफ़ लड़ने वाले नेता हैं, उन्हें री-लॉन्च करने की ज़रूरत नहीं है. कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के जयपुर में होने वाली रैली में शामिल होने के मामले में रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इसका जवाब अजय माकन देंगे. हालांकि माकन ने इस बारे में कहा कि सोनिया गांधी का दफ़्तर हमें कल बताएगा कि वह आएंगी या नहीं. रैली में आने वाले लोगों के लिए वैक्सीन की दोनों डोज लगी होनी चाहिए. हर कुर्सी पर पानी की बोतल और दो मास्क रखे जाएंगे. वहीं कोरोना संक्रमण में रैली को लेकर विपक्ष के आरोपों पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि फ़िलहाल कोरोना क़ाबू में है.
12 दिसंबर को जयपुर में होने वाली रैली में देशभर से कांग्रेस के नेता आ रहे हैं. वहीं राज्य सरकार का दावा है कि महंगाई हटाओ रैली में 2 लाख ज़्यादा लोग शामिल होंगे. हालांकि एक सच ये भी है कि जहां रैली होने वाली है वहां 30 हजार से ज्यादा कुर्सियां नहीं आ सकतीं. बता दें कि सोनिया गांधी ने पिछले दो साल से किसी भी बड़ी सभा को संबोधित नहीं किया है. उनका कार्यकाल जून 2022 को खत्म होने वाला है. साल 2013 में जयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर में राहुल गांधी को पहली बार कांग्रेस पार्टी में उपाध्यक्ष के तौर पर बड़ी ज़िम्मेदारी दी गई थी.