गोवा फॉरवर्ड पार्टी संग मिलकर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, गठबंधन का ऐलान
अगले साल प्रस्तावित गोवा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने गोवा फारवर्ड पार्टी (जीएफपी) संग गठबंधन की घोषणा की है. जीएफपी अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि हमने पूर्व में ही कहा था कि गोवा मुक्ति दिवस की पूर्व संध्या पर गोवा के लोगों को गठबंधन देंगे, जो राजनीतिक निरकुंशता से मुक्त करेगा. वहीं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के गोवा प्रभारी दिनेश गुंडु राव ने कहा कि राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और जीएफपी ने गठबंधन किया है. राव ने कहा कि जो भी पहले हुआ, वह हो चुका, राजनीति में हमेशा दोस्ती, गठबंधन की संभावना होती है और हमे एक दूसरे पर भरोसा और विश्वास है. इससे पूर्व विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर जीएफपी अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने 30 नवंबर को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी. हालांकि उस दौरान ही कांग्रेस-जीएफपी के बीच गठबंधन पर अंतिम मुहर लग गई थी.
गोवा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने गुरुवार को आठ उम्मीदवारों की घोषणा की थी, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत को मढ़गांव विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया है. हालांकि गठबंधन के दौरान सीट बंटवारे पर कोई घोषणा नहीं की गई. राव ने बताया कि सीटों के बंटवारे की विस्तृत जानकारी बाद में दी जाएगी. हालांकि कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवारों के ऐलान के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सीटों को लेकर दोनों दलों के बीच सहमति बन गई है.
ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस भी इस बार गोवा विधानसभा चुनाव में दावेदारी करने जा रही है. इसके लिए तृणमूल ने अपनी तैयारियां पूर्व से ही शुरू कर दी थी और तृणमूल को कांग्रेस नेताओं को अपने पाले में लाने में सफलता मिली थी, इसी कड़ी में सितंबर में गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता लुईजिन्हो फलेरियो ने तृणमूल का दामन थामा था, हालांकि तृणमूल उन्हें राज्यसभा भेजने की घोषणा कर चुकी है . वहीं दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी (आप) भी गोवा विधानसभा चुनाव की तैयारी करने में जुटी हुई है, इस संबंध में आप के शीर्ष नेता गोवा में राजनीतिक रैलियां कर चुके है.
गोवा में 2017 के विधानसभा चुनाव में अधिक सीट जीतने के बाद भी कांग्रेस सरकार नहीं बना सकी थी . 40 सीटों वाली गोवा विधानसभा के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस ने 37 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से कांग्रेस के 17 उम्मीदवार विजय हुए थे. वहीं भाजपा 36 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. इसमें से 13 सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद भी भाजपा ने सरकार बनाने के लिए 21 विधायकों का समर्थन हासिल कर लिया था . उस दौरान जीएफपी ने भाजपा के साथ सत्ता में भागीदारी की थी, लेकिन जुलाई 2019 में पार्टी अध्यक्ष विजय सरदेसाई सहित तीन विधायकों को राज्य मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने के बाद समर्थन वापस ले लिया था.