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भारतीयों का धन स्विस बैंकों में बढ़ने पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा, श्वेत पत्र जारी करने की मांग

Deepa Sahu
18 Jun 2021 5:17 PM GMT
भारतीयों का धन स्विस बैंकों में बढ़ने पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा, श्वेत पत्र जारी करने की मांग
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स्विस बैंकों

स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों का व्यक्तिगत और कंपनियों का पैसा वर्ष 2020 में बढ़कर 20,700 करोड़ रुपये से अधिक होने पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा है। पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार श्वेत पत्र लाकर देशवासियों को बताए कि यह पैसा किनका है और विदेशी बैंकों में जमा कालेधन को वापस लाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने आरोप लगाया कि सत्ता में आने से पहले भाजपा ने कालाधन लाने और लोगों के खातों में 15-15 लाख रुपये जमा करने का वादा किया था, लेकिन सात साल बीत जाने के बावजूद उसने अपने इस वादे को पूरा करने के लिए कुछ नहीं किया।
97 फीसदी भारतीय ज्यादा गरीब हो गए
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि भारतीय नागरिकों और कंपनियों द्वारा स्विस बैंक में जमा की जाने वाली धनराशि के 2020 के आंकड़े स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) द्वारा जारी कर दिए गए। एक तरफ लगभग 97 प्रतिशत भारतीय पिछले साल और ज्यादा गरीब हो गए तो दूसरी तरफ 2020 में स्विस बैंकों में जमा राशि बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में स्विस बैंकों में कुल जमा राशि साल 2019 की तुलना में बढ़कर 286 प्रतिशत हो गई। कुल जमा राशि 13 साल में सबसे ज्यादा है, जो साल 2007 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर है।
वल्लभ ने यह दावा भी किया कि एक और बड़ा खुलासा 'बैंक फॉर इंटरनेशनल सैटेलमेंट' (बीआईएस) ने स्विस बैंक में विभिन्न नागरिकों द्वारा जमा किए गए धन के बारे में किया, जिससे प्रदर्शित होता है कि भारतीय नागरिकों द्वारा स्विस बैंक में जमा की गई धनराशि 2019 की तुलना में 2020 में 39 प्रतिशत बढ़ी।
भाजपा ने कालाधन वापस लाने का वादा किया था
वल्लभ के मुताबिक, 2014 में सत्ता में आने से पहले, भाजपा ने दावा किया था कि भारतीयों ने 250 अरब डॉलर (17.5 लाख करोड़ रु.) अकेले स्विट्जरलैंड के बैंकों में छिपाया हुआ है। भाजपा ने यह वादा भी किया कि विदेशी बैंकों में छिपाए गए इस काले धन को वापस लाया जाएगा और हर भारतीय को उसके खाते में 15 लाख रुपये मिलेंगे। लेकिन पिछले 7 सालों में, मोदी सरकार 'बातों में महारत, काम में नदारद' सरकार बन गई।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार से पिछले सालों में स्विस बैंकों में जमा कराए गए पूरे धन का ब्यौरा, धन जमा कराने वाले लोगों का नाम व विवरण जारी करने की मांग करती है। विदेशी बैंकों में कालाधन छिपाए जाने से रोकने के लिए मोदी सरकार ने क्या उपाय किए, उन उपायों को जनपटल पर साझा किया जाए। उन्होंने कहा, पिछले 7 सालों में कितना कालाधन वापस आया और किस-किस देश से यह कालाधन वापस आया? सरकार देश को पूरी जानकारी देने के लिए श्वेत पत्र लाए।
नकद जमा से नहीं हुई बढ़ोतरी
गौरतलब है कि स्विस बैंकों में भारतीयों का व्यक्तिगत पैसा और कंपनियों का पैसा 2020 में बढ़कर 2.55 अरब स्विस फ्रैंक (20,700 करोड़ रुपये से अधिक) हो गया। यह वृद्धि नकद जमा के तौर पर नहीं बल्कि प्रतिभूतियों, बांड समेत अन्य वित्तीय उत्पादों के जरिये रखी गई होल्डिंग से हुई है। हालांकि, इस दौरान ग्राहकों की जमा राशि कम हुई है। स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक द्वारा बृहस्पतिवार को जारी सालाना आंकड़े से यह जानकारी मिली।
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