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कांग्रेस प्रवक्ता ने किया सरकारी कर्मचारियों का तत्काल महंगाई भत्ता बहाल करने की मांग

Kunti Dhruw
26 Jun 2021 6:34 PM GMT
कांग्रेस प्रवक्ता ने किया सरकारी कर्मचारियों का तत्काल महंगाई भत्ता बहाल करने की मांग
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कांग्रेस ने शनिवार को सैन्य बलों समेत 1.15 करोड़ सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता तत्काल जारी करने की मांग की।

नई दिल्ली, कांग्रेस ने शनिवार को सैन्य बलों समेत 1.15 करोड़ सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता तत्काल जारी करने की मांग की। कोरोना वायरस महामारी के चलते सरकार ने पिछले साल महंगाई भत्ते को निलंबित कर दिया था। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सरकार को अपने कर्मचारियों और सैन्य बलों के प्रति असंवेदनशील नहीं होना चाहिए। ऐसे समय में जब वेतन घट रहा है और महंगाई बढ़ रही है, सरकार को कर्मचारियों और सैनिकों के साथ मजाक नहीं करना चाहिए।

सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सैनिकों, सरकारी कर्मचारियों और पेंशन भोगियों से 37,500 करोड़ रुपये लूटना एक अपराध है। उन्होंने ट्वीट किया, कोरोना महामारी के दौर में भी देश की सेवा में लगे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने के बजाय केंद्र सरकार उनका मेहनत से कमाया हुआ पैसा छीनने का प्रयास कर रही है। सिंघवी ने कहा कि सरकार को सातवें वेतन आयोग के अनुसार कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के बकाये का भुगतान करना चाहिए। महंगाई भत्ते को लेकर सरकार का रवैया लाखों कर्मचारियों, सैन्य कर्मियों और पेंशन भोगियों के प्रति शरारती व्यवहार को उजागर करता है।
आपको बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों को अभी 17 फीसद डीए मिल रहा है। जनवरी 2019 में यह बढ़कर 21 फीसद हो गया था। लेकिन कोरोना महामारी के कारण बढ़ोतरी को जून 2021 तक फ्रीज कर दिया गया। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि जून 2020 में डीए की रकम 24 फीसद, दिसंबर 2020 में 28 फीसद और जुलाई 21 में 32 फीसद तक बढ़नी चाहिए।
ज्ञात हो कि जेसीएम के सेक्रेटरी (स्टाफ साइड) शिव गोपाल मिश्रा ने कहा था कि वे वित्त मंत्रालय और डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा होगी। खास तौर पर 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत मिल रहे डीए के एरियर पर बात होगी। इसमें पेंशनरों का भी महंगाई राहत (DR) का बकाया शामिल है। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि सरकार हमें एरियर भी दे। अगर एकसाथ नहीं दे सकती तो किस्‍तों में इसका भुगतान हो।
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