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पीएम मोदी से कांग्रेस का सवाल, CM को हटाकर उनके बिठाए राज्यपाल ने सुरक्षा देने की बजाय पंडितों को पलायन के लिए क्यों उकसाया?
jantaserishta.com
16 March 2022 3:06 AM GMT
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नई दिल्ली: डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री की हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' की पीएम ने तारीफ की है. उन्होंने कहा कि ऐसी फिल्में कई बार बनाई जानी चाहिए. इसके अलावा बीजेपी संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए भी पीएम ने इस फिल्म का जिक्र करते हुए कहा कि फिल्म में वह सच दिखाया गया है जिसे कई सालों तक दबाया गया था. पीएम के अलावा भी कई बीजेपी नेता कश्मीर में हुए नरसंहार के लेकर कांग्रेस पर निशाना साध रही है.
वहीं अब विपक्ष ने पीएम के इस संदेश और अन्य बीजेपी नेताओं को जवाब दिया है. दरअसल कांग्रस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को सवार करते हुए कहा कि पीएम मोदी सरकार कब तक नफरत और झूठ साझा करने के लिए राजनीतिक अवसर तलाशती रहेगी.
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, 'क्या देश के पीएम, बापू के आदर्शों से लेकर कश्मीरी पंडितों के दर्द तक सब कुछ फ़िल्मों के जिम्मे छोड़ देना चाहते हैं? तथ्यों और सच्चाई से मुंह फेरे मोदी सरकार को आख़िर कब अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होगा? आख़िर कब तक केवल झूठ-नफ़रत-बंटवारे में ही राजनीतिक अवसर तलाशते रहेंगे?
रणदीप सुरजेवाला ने दूसरे ट्वीट में कहा, 'आपका पितृ संगठन 1925 में गठन से लेकर 1947 तक देश के स्वतंत्रता आंदोलन और बापू के खिलाफ़ खड़ा रहा. 'असहयोग आंदोलन' हो, 'सविनय अवज्ञा' हो या 'भारत छोड़ो' का देशव्यापी आंदोलन हो. हर बार अंग्रेजों के साथ खड़े रहे. जब देश आज़ाद हुआ तो पहले दिन से 'बांटो और राज करो' अपना लिया.' मोदी जी बताएं कि जब 1990 में कश्मीरी पंडित आतंक और बर्बरता के साये में पलायन को मजबूर हुए तब भाजपा के 85 सांसद, जिनके समर्थन से केंद्र की वी.पी.सिंह सरकार चल रही थी, क्या कर रहे थे? CM को हटाकर उनके बिठाए राज्यपाल ने सुरक्षा देने की बजाय पंडितों को पलायन के लिए क्यों उकसाया?
सुरजेवाल आगे कहते हैं, 'याद करें, भाजपा समर्थित सरकार में जब कश्मीरी पंडितों का उत्पीड़न और पलायन हो रहा था तब राजीव गांधी जी ने संसद का घेराव किया, उनकी आवाज़ उठायी. मगर भाजपा ने इस त्रासदी को मौन समर्थन दिया, राजनीतिक फ़ायदे के लिए 'रथ यात्रा' निकालते रहे. ये तब भी वैसे थे और अब भी वैसे ही हैं.
सुरजेवाल ने मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, '8 सालों में मोदी सरकार ने कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए क्या किया? कश्मीर में फ़िर से हालात बद्तर हुए, हिंसा बढ़ी और हज़ारों कश्मीरियों को पलायन करना पड़ा. जब कश्मीरी पंडितों के लिए कुछ नहीं कर सके तो "फ़िल्म" दिखाने में जुट गए? नफ़रत की खेती से फ़ायदे की फ़सल कब तक?
जब कश्मीरी पंडित पलायन को मजबूर थे तब आपके समर्थन से दिल्ली की सरकार चल रही थी. जब CM को हटाकर आपके नेता श्री जगमोहन गवर्नर थे और उन्होंने जुम्मेवारी से पल्ला झाड़ लिया था. जब भाजपा और अडवाणी जी "रथ यात्रा" में व्यस्त थे उस रथ यात्रा के संचालक-इवेंट मैनेजर मोदी जी थे.
इन सवालों के अलावा सूरजेवाला ने UPA सरकार से मोदी सरकार की तुलना की और कहा, 'UPA सरकार में कश्मीर और कश्मीरी पंडितों के लिए 10 साल में 4241 आतंकी मार गिराया. PM पैकेज में 3000 नौकरियां दी और 5911 ट्रांजिट आवास बनाये. जबकि मोदी सरकार में 8 साल में 1419 आतंकी मारे गए, केवल 520 नौकरी मिली, 1000 ट्रांज़िट आवास बनाये.
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— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 15, 2022
मोदी जी बताएँ-
जब 1990 में कश्मीरी पंडित आतंक और बर्बरता के साये में पलायन को मजबूर हुए
तब भाजपा के 85 सांसद, जिनके समर्थन से केंद्र की वी.पी.सिंह सरकार चल रही थी, क्या कर रहे थे?
CM को हटाकर उनके बिठाए राज्यपाल ने सुरक्षा देने की बजाय पंडितों को पलायन के लिए क्यों उकसाया?
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