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बिग ब्रेकिंग: मल्लिकार्जुन खड़गे को लेकर शशि थरूर का ये बड़ा बयान आया
jantaserishta.com
2 Oct 2022 11:08 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में अब पार्टी सांसद शशि थरूर और वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच सीधी लड़ाई है. नामांकन वापस लेने की तारीख 8 अक्टूबर है, जिसके बाद स्थिति और भी साफ हो सकेगी. हालांकि थरूर स्पष्ट कर चुके हैं कि वह चुनाव से पीछे नहीं हटेंगे, क्योंकि वह उन लोगों के साथ विश्वासघात नहीं करेंगे जो उनका समर्थन करते हैं. इस बीच थरूर ने खड़गे पर तंज कसते हुए कहा है कि उनके जैसे नेता कांग्रेस में बदलाव नहीं ला सकते.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान शशि थरूर ने कहा कि हम दुश्मन नहीं हैं, यह युद्ध नहीं है. यह हमारी पार्टी के भविष्य का चुनाव है. खड़गे जी कांग्रेस पार्टी के टॉप 3 नेताओं में आते हैं. उनके जैसे नेता बदलाव नहीं ला सकते और मौजूदा व्यवस्था को ही जारी रखेंगे. पार्टी कार्यकर्ताओं की उम्मीद के मुताबिक बदलाव मैं लाऊंगा.
मैं मानता हूं कि कांग्रेस हाईकमान ने जो तय किया कि हम चुनाव करवाकर ही पार्टी के भविष्य को तय करेंगे, यह बहुत अच्छा निर्णय है: कांग्रेस नेता शशि थरूर, नागपुर
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 2, 2022
नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए तिरुवनंतपुरम के सांसद ने यह भी कहा कि 'बड़े' नेता स्वाभाविक रूप से अन्य 'बड़े' नेताओं के साथ खड़े होते हैं, लेकिन उन्हें राज्यों के पार्टी कार्यकर्ताओं का समर्थन प्राप्त है. उन्होंने जोर देकर कहा, हम बड़े नेताओं को सम्मान देते हैं, लेकिन यह पार्टी में युवाओं को सुनने का समय है. हम पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को बदलने के लिए काम करेंगे और पार्टी कार्यकर्ताओं को यह महत्व दिया जाना चाहिए. दरअसल, शशि थरूर जी-23 ग्रुप का भी हिस्सा थे, जिसने साल 2020 में पार्टी में संगठनात्मक बदलाव और चुनाव की मांग की थी.
बता दें कि शनिवार को पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के बाद गांधी परिवार की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर शशि थरूर कहा था, "गांधी परिवार और कांग्रेस का डीएनए एक ही है... गांधी परिवार को 'गुडबाय' कहने के लिए कोई (पार्टी) अध्यक्ष इतना मूर्ख नहीं है. वे हमारे लिए बहुत बड़ी संपत्ति हैं..."
उधर, रविवार को ही प्रेस कांफ्रेंस करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 'एक व्यक्ति, एक पद' के फॉर्मूला के तहत मैंने राज्यसभा में नेता विपक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है. आपको मेरे 50 साल के राजनीतिक जीवन के बारे में पता है. मैं अब तक उसूलों और आइडियोलॉजी के लिए बचपन से लड़ता रहा हूं. बचपन से ही मेरे जीवन में संघर्ष रहा है. सालों तक मंत्री रहा और विपक्ष का नेता भी बना. सदन में बीजेपी और संघ की विचारधारा के खिलाफ लड़ता रहा. मैं फिर लड़ना चाहता हूं और लड़कर उसूलों को आगे ले जाने की कोशिश करूंगा.
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