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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में सीधी लड़ाई अब कांग्रेस सांसद शशि थरूर और वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच है. हालांकि इस बात पर चर्चा है कि क्या खड़गे गांधी परिवार की पसंद हैं और वो लगातार बढ़त बनाए हुए हैं. इस बीच थरूर ने स्पष्ट कर दिया है कि वह चुनाव से पीछे नहीं हटेंगे क्योंकि वह उन लोगों के साथ विश्वासघात नहीं करेंगे जो उनका समर्थन करते हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव को लेकर पार्टी की ओर से जैसे ही नोटिफिकेशन आया था, तभी थरूर ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी. उनके सामने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनाव लड़ने वाले थे, लेकिन प्रदेश में आए सियासी संकट के बाद उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. इस बीच दिग्विजय सिंह का नाम सामने आया था. हालांकि बाद में पार्टी के सीनियर लीडर मल्लिकार्जुन खड़गे ने नामांकन किया.
बीते शुक्रवार को जब शशि थरूर से पूछा गया कि क्या खड़गे पार्टी आलाकमान के आधिकारिक उम्मीदवार थे क्योंकि उनके नामांकन दाखिल करते समय कई शीर्ष नेता मौजूद थे, जबकि इसके उलट थरूर पार्टी कार्यकर्ताओं से घिरे हुए थे. इसका जवाब देते हुए थरूर ने कहा कि वह गांधी परिवार के तीनों सदस्यों से मिले थे. उन्होंने मुझसे कहा वि पार्टी अध्यक्ष चुनाव में कोई आधिकारिक उम्मीदवार नहीं है और ऐसा कोई उम्मीदवार नहीं होगा. वे एक निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं. गांधी परिवार तटस्थ रहेगा और पार्टी मशीनगर निष्पक्ष होगी. उनका उद्देश्य पार्टी को मजबूत करना है. पार्टी अध्यक्ष से आश्वासन के बाद मुझे इस बारे में कोई संदेह नहीं है.
यह पूछे जाने पर कि क्या चुनाव निर्विरोध होगा. थरूर ने कहा कि मेरा सवाल यह है कि मैं इतने लोगों के साथ विश्वासघात कैसे कर सकता हूं जिन्होंने मुझ पर विश्वास दिखाया और मेरा समर्थन किया? मैं उन्हें नहीं छोड़ूंगा. थरूर ने आगे कहा, मुझे पार्टी कार्यकर्ताओं ने चुनाव लड़ने के लिए कहा था. कांग्रेस के आम कार्यकर्ता पार्टी में बदलाव चाहते हैं और मैं उनकी आवाज बनना चाहता हूं और युवा कांग्रेस की आवाज भी.
नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए तिरुवनंतपुरम के सांसद ने यह भी कहा कि 'बड़े' नेता स्वाभाविक रूप से अन्य 'बड़े' नेताओं के साथ खड़े होते हैं, लेकिन उन्हें राज्यों के पार्टी कार्यकर्ताओं का समर्थन प्राप्त है. उन्होंने जोर देकर कहा, हम बड़े नेताओं को सम्मान देते हैं, लेकिन यह पार्टी में युवाओं को सुनने का समय है. हम पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को बदलने के लिए काम करेंगे और पार्टी कार्यकर्ताओं को यह महत्व दिया जाना चाहिए. शशि थरूर जी-23 ग्रुप का भी हिस्सा थे, जिसने साल 2020 में पार्टी में संगठनात्मक बदलाव और चुनाव की मांग की थी.
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