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कांग्रेस की तैयारी: हरीश रावत को चुनावी चेहरा बनाने का हो सकता है ऐलान, पार्टी सभी गुटों को साधने का कर रही है प्रयास
jantaserishta.com
3 July 2021 3:55 PM GMT
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नई दिल्ली: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री बदलने के भाजपा के प्रयोग को विफल मान रही कांग्रेस ने भी अगले चुनाव के लिए अपनी नई टीम मैदान में उतारने की पुख्ता तैयारी कर ली है। पार्टी ने साफ संकेत दिए हैं कि कांग्रेस महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एक बार फिर प्रदेश की सियासत में लौटकर पार्टी की चुनावी कमान संभालेंगे। पार्टी हाईकमान की ओर से चुनाव को देखते हुए जल्द ही उत्तराखंड कांग्रेस के विधायक दल के नए नेता की नियुक्ति का भी एलान कर दिया जाएगा।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड के घटनाक्रमों पर करीबी निगाह रख रहे कांग्रेस हाईकमान ने हरीश रावत से राज्य की चुनावी सियासत को लेकर बीते कुछ दिनों के भीतर कई बार चर्चा की है। साथ ही हाईकमान ने रावत को यह संकेत दे दिया है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की चुनावी टीम की कमान उनके हाथों में सौंपी जा सकती है। बताया जाता है कि हरीश रावत ने भी उत्तराखंड की सियासत में लौटने की अपनी तैयारी करते हुए पंजाब के प्रभारी पद से मुक्त किए जाने की इच्छा हाईकमान को बता दी है।
हरीश रावत को भेजा जाएगा राज्य की सियासत में
पुष्कर सिह धामी के चार महीने में भाजपा के तीसरे मुख्यमंत्री बनने के बाद कांग्रेस से जुड़े वरिष्ठ सूत्रों ने कहा कि इसमें अब संदेह की गुंजाइश ज्यादा नहीं है कि हरीश रावत को राज्य की सियासत में वापस भेजा जाएगा और हाईकमान उन्हें चुनावी चेहरा बनाने की घोषणा में बहुत देर नहीं करेगा।
संकेतों से साफ है कि हरीश रावत को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस चुनाव समिति की कमान सौंपी जा सकती है। चुनाव के लिहाज से पार्टी की यह सबसे महत्वपूर्ण समिति होती है और अमूमन इस समिति के अध्यक्ष को पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में देखा जाता है।
पार्टी सभी गुटों को साधने का कर रही है प्रयास
वैसे उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस में भी बदलाव की संभावना से इन्कार नहीं किया जा रहा। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिह को विधायक दल के नेता के तौर पर सूबे में नेता विपक्ष बनाने के विकल्प पर चर्चा हुई है। हालांकि रावत के प्रदेश में लौटने की संभावनाओं को देखते हुए प्रीतम सिह अध्यक्ष बने रहने में ही अपनी बेहतरी देख रहे हैं। इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद कांग्रेस नेतृत्व विधायक दल के नए नेता की नियुक्ति में चुनाव को देखते हुए कोई जोखिम लेना नहीं चाहता और इसलिए प्रदेश के पार्टी के सभी गुटों को साधने का प्रयास किया जा रहा है।
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