कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कन्याकुमारी में 'भारत जोड़ो यात्रा' की शुरूआत की
तमिलनाडु। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ कन्याकुमारी में 'भारत जोड़ो यात्रा' की शुरूआत की। कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है. दिल्ली के रामलीला मैदान में महंगाई के खिलाफ 'हल्ला बोल' रैली करने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश की जमीनी हकीकत की थाह लेने और उसे अपने पैरों से नापने के लिए कन्याकुमारी से कश्मीर तक पदयात्रा की शुरुआत की है.
LIVE: Shri @RahulGandhi flags off and joins Bharat Jodo Yatra in Kanyakumari. #BharatJodoBegins https://t.co/lpRsDyKWun
— Congress (@INCIndia) September 7, 2022
राहुल इस यात्रा के जरिए महंगाई, बेरोजगारी जैसे अहम मुद्दे उठाकर सिर्फ नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ जमीनी स्तर पर माहौल ही नहीं बनाएंगे बल्कि विपक्ष के उन नेताओं और छत्रपों को भी सियासी संदेश देने की कोशिश करेंगे, जो 2024 के लिए विपक्षी खेमे से पीएम उम्मीदवारी के लिए ताल ठोक रहे हैं.
कांग्रेस की पदयात्रा के कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं. राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर की पदयात्रा तब शुरू की है, जब उनकी पार्टी कई चुनौतियों से जूझ रही है. कांग्रेस की केवल दो राज्यों में सरकार और दो राज्यों में गठबंधन सरकार बची है. इतना ही नहीं 2024 में होने वाले लोकसभा के चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के सामने विपक्ष का नेतृत्व कौन करेगा? इसे लेकर विपक्षी नेताओं की तरफ़ से रोज नए नाम उछाले जा रहे है. ऐसे में राहुल गांधी की इस पदयात्रा पर विपक्ष और सत्तापक्ष की नजरें टिकीं हैं.
दरअसल, 2024 में विपक्षी एकता का सूत्रधार कौन बने, संघर्ष इस बात का है. इसकी वजह है कि विपक्षी खेमे में दावेदार अनेक हैं. एक तरफ बिहार सीएम नीतीश कुमार विपक्षी दलों को एक करने के लिए दिल्ली दौरे पर केजरीवाल से लेकर अखिलेश यादव और राहुल गांधी सहित तमाम विपक्षी नेताओं से मिलें.
बंगाल सीएम ममता बनर्जी अपना अलग ताल ठोक रही हैं और आए दिन दिल्ली का दौरा करके विपक्षी नेताओं से मेल-मिलाप कर अपनी पीएम उम्मीदवारी की दावेदारी को मजबूत कर रही हैं. वहीं, अरविंद केजरीवाल और केसीआर अपनी अलग ही ढपली बजा रहे हैं. केसीआर भी दिल्ली से लेकर बिहार तक दौरा करके विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं तो केजरीवाल के दिल्ली और पंजाब चुनाव जीतने के बाद हौसले बुलंद हैं. ऐसे में उनकी कोशिश है कि गुजरात और हिमाचल चुनाव में कुछ सीटें जीतकर वह बीजेपी के बाद विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी बन जाए. उनकी पार्टी की ओर से यह तक बताए जाने लगा है कि मोदी के सामने केजरीवाल ही सबसे बड़ी चुनौती बन सकते हैं.