demo pic
भीलवाड़ा। कोरोना काल में जी जान से महामारी का मुकाबला करने में जुटी ब्यूरोक्रेसी पर नेताओं का अनावश्यक दवाब लगातार बढ़ता जा रहा है. इसका ताजा उदाहरण हाल में भीलवाड़ा जिले में सामने आया है. यहां मांडल से कांग्रेस विधायक ने रामलाल जाट ने हुड़ला तहसीलदार के साथ फोन पर अभद्र व्यवहार करते हुये धमकाया. घटनाक्रम के कुछ देर ही बाद पीड़ित महिला तहसीलदार को एपीओ कर दिया गया. विधायक रामलाल जाट पूर्व में भी कई बार विवादों में रह चुके हैं.
प्रकरण से आहत राजस्थान तहसीलदार सेवा परिषद में आक्रोश व्याप्त हो गया है. इसे लेकर तहसीलदार सेवा परिषद ने विधायक के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कर सीएम गहलोत को पत्र लिखकर उन्हें मामले से अवगत कराया है. परिषद ने मांग की है कि अगर मामले में समुचित कार्रवाई नहीं कि गई तो उन्हें राज्यव्यापी आंदोलन के लिये मजबूर होना पड़ेगा.
परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष विमलेन्द्र राणावत ने सीएम को लिखे पत्र में घटनाक्रम को ब्यौरा देते हुये कहा कि हुरड़ा तहसीलदार स्वाती झा 21 मई को अपने कार्यालय में सरकार कामकाज निबटा रही थी. इस दौरान तीन व्यक्ति आये और नायब तहसीलदार से अविलंब नकल तैयार करने का दबाव बनाया. इस दौरान उन्होंने वहां अनर्गल बातचीत शुरू कर दी. कुछ देर बाद वे तीनों व्यक्ति फिर आये तहसीलदार स्वाती झा पर फोन से मांडल विधायक रामलाल जाट से बात करने का दबाव बनाया.
परिषद का आरोप है कि फोन पर विधायक रामलाल ने तहसीलदार स्वाती झा से अमर्यादित और अभद्र तरीके से बातचीत कर धमकाया. उसके कुछ ही घंटों के बाद राजस्व मंडल ने स्वाती झा को पदस्थापन की प्रतीक्षा में रखते हुये एपीओ करने के आदेश जारी कर दिये. उसके बाद वे व्यक्ति तहसीलदार के निवास पर पहुंचे और वहां काम करने वाले दलित व्यक्ति के साथ मारपीट की. इसकी रिपोर्ट गुलाबपुरा थाने में दी गई है.
तहसीलदार सेवा परिषद ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ जांच करवाकर तत्काल कार्रवाई की जाये. एपीओ की गई तहसीलदार स्वाती झा को पुन: बहाल किया जाये. विधायक रामलाल जाट की ओर से किये अभद्र व्यवहार के खिलाफ विधानसभा सत्र में निंदा प्रस्ताव लाया जाये. अन्यथा परिषद को राज्यव्यापी आंदोलन के लिये विवश होना पड़ेगा.