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सब-इंस्पेक्टर को परेशान किया था कांग्रेस विधायक ने, जांच की जिम्मेदारी CID को

Nilmani Pal
4 Aug 2024 1:07 AM GMT
सब-इंस्पेक्टर को परेशान किया था कांग्रेस विधायक ने, जांच की जिम्मेदारी CID को
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कर्नाटक karnataka news । कर्नाटक पुलिस ने दलित सब-इंस्पेक्टर को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में कांग्रेस विधायक चन्नारेड्डी तन्नूर और उनके बेटे पंपनगौड़ा तन्नूर के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस उप-निरीक्षक ने तैनाती के 7 महीने के भीतर उनका तबादला कर देने के बाद आत्महत्या कर ली थी। गृह विभाग के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि इस मुद्दे पर विवाद बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने इसकी जांच CID ​​को सौंप दी है। परशुराम की पत्नी श्वेता एन.वी. की शिकायत पर विधायक और उनके बेटे पर ऐक्शन लिया गया। इनके खिलाफ शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने, आत्महत्या के लिए उकसाने समेत प्रासंगिक धाराओं में मामला दर्ज किया गया। karnataka

sub Inspector श्वेता ने आरोप लगाया कि पिता-पुत्र ने उनके पति से तबादला नहीं हो इसके ऐवज में 30 लाख रुपये की मांग की थी। उन्होंने दावा किया कि परशुराम तबादले के बाद से ही रो रहे थे और उन्होंने (परशुराम) बताया था कि वह आत्महत्या करने की सोच रहे हैं। जब गर्भवती श्वेता अपने बच्चे के जन्म के लिए अपने मायके रायचूर गईं, तो उन्हें पता चला कि परशुराम को नाक और मुंह से खून बहने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद दलित संघर्ष समिति के सदस्यों ने परशुराम के लिए न्याय की मांग करते हुए सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। श्वेता भी प्रदर्शन में शामिल हुई।

मीडिया को संबोधित करते हुए श्वेता ने आरोप लगाया कि पुलिस विभाग उनके पति का नहीं बल्कि विधायक का समर्थन कर रहा है। घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि उन्होंने मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार किया कि यह आत्महत्या थी। मंत्री ने बेंगलुरु में कहा, ‘परशुराम ने आत्महत्या नहीं की। उन्होंने कोई सुसाइड नोट नहीं लिखा था। उनकी पत्नी ने शिकायत की है कि वह तबादले को लेकर परेशान थे। मैं उनके आरोप पर गौर करूंगा। जांच में उस पहलु को भी ध्यान में रखा जाएगा।’

परमेश्वर ने कहा कि पुलिस प्रारंभिक जानकारी एकत्र कर जांच कर रही है। इस घटना ने राजनीतिक मोड़ ले लिया और विपक्षी भाजपा व जनता दल (सेक्युलर) ने ईमानदार अधिकारियों को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के लिए सरकार की आलोचना की। केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने बेंगलुरु में भाजपा और जद (एस) की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित मैसूरु चलो मार्च की शुरुआत पर बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘एक पुलिस उपनिरीक्षक ने आत्महत्या कर ली है। उन्होंने ऐसा क्यों किया? उनकी पत्नी का आरोप है कि उप-निरीक्षक ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि वह विधायक को 25 लाख रुपये की रिश्वत नहीं दे पाए।’


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