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कांग्रेस विधायक का दावा, कहा- पार्टी अगर पावर दे तो दस महीने के भीतर सरकार को मात दे सकता हूं

jantaserishta.com
13 March 2022 4:58 PM GMT
कांग्रेस विधायक का दावा, कहा- पार्टी अगर पावर दे तो दस महीने के भीतर सरकार को मात दे सकता हूं
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कलंगुट: गोवा कांग्रेस विधायक माइकल लोबो के लिविंग रूम में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का चित्र है. लोबो ने कहा, "यह नेहरूजी की क्रिकेट खेलते हुए एक दुर्लभ तस्वीर है. मुझे यह कुछ दिन पहले किसी से मिला था और अब मैं इसे अपना कार्यालय में रखने का सोच रहा हूं." विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद कांग्रेस विधायक ने यहां पहली बार अपनी भविष्य की योजनाओं और कांग्रेस पार्टी के लिए काम के बारे में अपने दिल की बात कही.

कांग्रेस जीत जाती तो लोबो को मिलता अहम मंत्रालय
उनके चेहरे पर गोवा में कांग्रेस की हार की मायूसी साफ झलक रही थी. यदि कांग्रेस पार्टी तटीय राज्य में सत्ता में आती, तो लोबो को एक आकर्षक मंत्रालय या उससे भी अधिक दिया जाता. उन्होंने कहा, "मुझे भाजपा से बाहर नहीं निकाला गया. वे चाहते थे कि मैं रुकूं और आखिरी मिनट तक कोशिश करते रहे. लेकिन मुझे पता था कि गोवा में कांग्रेस सत्ता में आ रही है और मैं समझ सकता था कि लोग बदलाव चाहते हैं. लोगों में इतना गुस्सा था फिर भी हम उस गुस्से को वोट में नहीं बदल सके. मैं बहुत निराश हूं."
विपक्ष के नेता के पद पर लोबो की नजर
सूत्रों का कहना है कि राज्य चुनाव से ठीक पहले लोबो ने कांग्रेस के दिग्गज नेता दिगंबर कामत से कहा था कि वह मुख्यमंत्री बनने की राह में कोई बाधा नहीं पैदा करेंगे बल्कि वे अपने लिए उपमुख्यमंत्री पद चाहते हैं. लेकिन अब जब भाजपा ने जीत हासिल कर ली है तो लोबो बेकार बैठने को तैयार नहीं हैं और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद पर नजर गड़ाए हुए हैं. लोबो खेमे का कहना है कि कामत को 2017 में मौके मिले थे और वे मौका चूक गए थे और अब समय आ गया है कि बदलाव लाने के इच्छुक नए नेतृत्व की ओर रुख किया जाए.
'पद की मांग नहीं करेंगे, लेकिन दौड़ में हैं'
लोबो ने कहा कि वह अभी पार्टी में शामिल हुए हैं इसलिए वह पद की मांग नहीं करेंगे, लेकिन वह दौड़ में हैं और अगर पार्टी आलाकमान को लगता है कि वह इस पद के लिए फिट हैं तो वह जिम्मेदारी लेने को तैयार होंगे. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि लोबो पहले ही एआईसीसी गोवा प्रभारी दिनेश गुंडू राव को अपनी इच्छा बता चुके हैं.
'वापस बीजेपी में गया तो ये लोगों से धोखा होगा'
जब इंडिया टुडे टीवी ने लोबो से पूछा कि क्या वह फिर से पार्टी बीजेपी में जाएंगे तो उन्होंने कहा कि यह कदम उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को धोखा देने के समान होगा. उन्होंने कहा, अब मैं ऐसा नहीं कर सकता. मैं इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल नहीं हो सकता. हालांकि मुझे फोन आते हैं और वहां मेरे कई दोस्त हैं लेकिन अब मैं कांग्रेस पार्टी के साथ रहूंगा और मैं गोवा में पार्टी बनाना चाहता हूं.
'पार्टी को युवा नेतृत्व की सख्त जरूरत'
चुनाव परिणामों और कांग्रेस के प्रदर्शन पर बात करते हुए माइकल लोबो ने कहा कि कांग्रेस के पास खेलने की सही पिच थी लेकिन वह लोगों को समझाने में विफल रही. अब उन्हें लगता है कि कांग्रेस को नए सिरे से शुरुआत करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, 'संगठन को हर गांव में जिम्मेदारी देनी होगी. चुनाव लड़ने से पहले चुनाव की योजना बनानी होगी'. लोबो ने जोर देकर कहा कि पार्टी को युवा नेतृत्व की सख्त जरूरत है. मैंने ये मनोहर पर्रिकर से सीखा है. मैं 2005 से 2019 में उनकी मृत्यु तक उनके साथ था. विपक्ष के नेता के रूप में भी वे हर निर्वाचन क्षेत्र में गए
मनोहर पर्रिकर से पहली मुलाकात को किया याद
2005 में स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर के साथ अपनी पहली मुलाकात को याद करते हुए लोबो ने कहा, "सुबह के 8 बज रहे थे और पर्रिकर ब्लैक कॉफी पी रहे थे. उन्होंने मेरी तरफ नहीं देखा क्योंकि उसके पास एक ही समय में लोगों को सुनने और लिखने की क्षमता थी. लेकिन मेरा दिमाग क्लीयर था कि मैं उनके साथ काम करना चाहता हूं और खुद को साबित करना चाहता हूं. तो मैंने कहा कि मैं बीजेपी के लिए सालेगांव सीट लाऊंगा. तभी उन्होंने मेरी तरफ देखा और फिर हमने काफी देर तक चैट की और 2007 में हमें सीट मिली.'
'दस महीने के भीतर सरकार को मात दे सकता हूं'
लोबो ने यहां तक ​​कहा कि अगर पार्टी ने उन्हें सही शक्तियां दीं तो वह दस महीने के भीतर सरकार को मात दे देंगे. कौन जानता है कि अगले महीनों में क्या हो सकता है. विपक्ष के नेता का पद कोई औपचारिक पद नहीं है. राज्य सरकार के कामकाज पर नजर रखने के लिए बहुत कुछ किया जा सकता है. देखो मैं किसी चीज का लालची नहीं हूं. भगवान की कृपा से मेरे पास सब कुछ है लेकिन अब मैं कांग्रेस पार्टी के लिए काम करना चाहता हूं और इसे बनाना चाहता हूं और मतदाताओं को प्रेरित करना चाहता हूं.
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