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कांग्रेस की सुप्रिया श्रेनत ने कहा कि महंगाई आम आदमी की कमर तोड़ रही है। एक करोड़ लोगों ने अपनी नौकरी गंवाई है और 23 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे जी रहे हैं। गरीब और गरीब होता जा रहा है जो ये दिखाता है आर्थिक रूप से कितनी बदहाली छाई हुई है। गरीब आदमी पर ज्यादा टैक्स वसूल सरकार लूटने का काम कर रही है। ईंधन की कीमतें बढ़ाकर सरकार आम आदमी की जेब खाली कर रही है। सरकार उज्ज्वला की बात करती है लेकिन सिलेंडर की कीमतें आज आसमान छू रही हैं।
सुप्रिया श्रेनत ने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम हुईं फिर भी हमने ईंधन पर ज्यादा टैक्स दिया। देश में आज इतनी बड़ी आबादी मुफ्त राशन ले रही है। इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थिति क्या है। आज एक किसान को एक लीटर सरसों का तेल खरीदने के लिए 14 किलो गेहूं बेचना पड़ता है। एक महीने के तेल के लिए उसे 14 क्विंटल गेहूं बेचना पड़ेगा। कांग्रेस नेत्री कहने लगीं कि अगर कॉरपोरेट टैक्स की बात की जाए तो रिलायंस अपनी सालाना कमाई का 3 प्रतिशत टैक्स देती है जबकि आम आदमी को 30 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है।
इससे पहले कांग्रेस ने रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि महामारी एवं आर्थिक संकट के समय लोगों को राहत देने के लिए एलपीजी सिलेंडर के दाम कम किए जाने चाहिए।
पार्टी ने यह दावा भी किया कि पिछले कुछ महीनों में रसोई गैस की कीमतों में 240 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। बिना सब्सिडी वाले घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) सिलेंडर के दाम में 25 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। अब दिल्ली में 14.2 किलोग्राम के एक सिलेंडर की कीमत 809 से बढ़कर 834.50 रुपये हो गई है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले कुछ वर्षों में एलपीजी के दाम में हुई बढ़ोतरी से जुड़ा एक ग्राफ साझा करते हुए ट्वीट किया, ''मोदी माया का ऐसा पड़ा प्रभाव, बस जुमलों का ही गिरा है भाव।'' पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी है तो मुमकिन है।
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