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कांग्रेस नेता रिपुन बोरा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है
कांग्रेस नेता रिपुन बोरा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. असम के पूर्व सांसद और राज्य के पूर्व अध्यक्ष रिपुन बोरा ने अपने रेजिगनेशन में कहा है, "BJP के खिलाफ लड़ने के बजाय, असम कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का एक वर्ग मुख्य रूप से मुख्यमंत्री के साथ BJP सरकार के साथ गुप्त समझौता कर रहा है." असम कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रिपुन बोरा ने सांसद अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में टीएमसी का दामन थाम लिया है.
रिपुन बोरा ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि मैं अपनी स्टूडेंट लाइफ से साल 1976 से कांग्रेस से जुड़ा रहा. मैं पार्टी के विभिन्न पदों पर जिम्मेदारी निभाई, लेकिन आज मैं भारी मन से पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं. सोनिया गांधी को लिखे इस्तीफे में उन्होंने आगे कहा कि मैं आपका और कांग्रेस की लीडरशिप का मुझपर जताए गए भरोसे के लिए धन्यवाद करना चाहता हूं. इस्तीफा देते वक्त मैं ये कहना चाहता हूं कि पिछले कुछ सालों में भारतीय जनता पार्टी सांप्रदायिक बंटवारे का सिंबल बन गई है, ये लोकतंत्र, संविधान, धर्म निरपेक्षता, अर्थव्यवस्था और देश के लिए बड़ा खतरा है.
Congress leader Ripun Bora tenders his resignation from the party. pic.twitter.com/wH8BGJYKWe
— ANI (@ANI) April 17, 2022
उन्होंने पार्टी की अंदरुनी लड़ाई का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बीजेपी के खिलाफ लड़ाई की जगह पार्टी के कई नेता खुद के लिए एक-दूसरे से लड़ने में लगे हैं. इसकी वजह से बीजेपी को फायदा मिल रहा है और कांग्रेस हासिए पर खिसक गई है. इससे कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंच रही है. इन सबके बीच मेरा गृहराज्य भी अछूता नहीं है. साल 2016 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद आपने मुझे असम पीसीसी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी. तब से मैंने कांग्रेस को राज्य में उभारने के लिए कड़ी मेहनत की. जिसमें पंचायत, उपचुनाव और लोकसभा चुनाव में काग्रेस ने बीजेपी के सामने चुनौती पेश की.
साल 2021 के विधानसभा चुनावों में यही वजह है कि लोगों को लगने लगा था कि कांग्रेस राज्य में सत्ता हासिल करेगी, लेकिन अंदरुनी लड़ाई के चलते कांग्रेस ने लोगों का भरोसा खो दिया, इस वजह से लोगों ने हमें सरकार बनाने के लिए जनादेश नहीं दिया.

Rani Sahu
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