देश के अमीरों को और अमीर करने का हो रहा काम, बजट पर बोले कांग्रेस नेता चिदंबरम
दिल्ली। साल 2022-23 के लिए देश का बजट पेश हो चुका है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये बजट पेश किया. इसके बाद प्रधानमंत्री और तमाम बीजेपी नेताओं ने बजट की जमकर तारीफ की और इसे हर वर्ग के लिए बेहतर बताया. लेकिन कांग्रेस की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार के इस बजट को लॉलीपॉप बजट करार दिया गया. पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, आरबीआई की जगह आज वित्त मंत्री ने ये ऐलान किया कि क्रिप्टोकरेंसी अब देश में वैध होगी. ये देश के काफी अमीर लोगों के कहने पर किया गया है. ये सब भारत के 99.99% लोगों के लिए फायदेमंद नहीं है.
चिदंबरम ने कहा कि भारत में अमीर और ज्यादा अमीर होते जा रहे हैं. देश के कुल 142 अमीर लोगों की आय में कई गुना का इजाफा हुआ है. सरकार को मिलने वाला कुल पैसा 42 लाख करोड़ है और इन सभी अमीरों ने अपनी संपत्ति में लगभग 30 लाख करोड़ की बढ़ोतरी की है, वो वक्त दूर नहीं है जब वो सरकार को मिलने वाले कुल पैसे से आगे निकल जाएंगे. पूर्व वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार और वित्त मंत्री सीतारमण को बजट भाषण से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए था. उन्होंने कहा कि, भारत की अर्थव्यवस्था अब तक महामारी के पहले वाले स्तर पर नहीं पहुंच पाई है. पिछले दो सालों में लाखों लोगों की नौकरियां चली गईं, कुछ लोगों ने हमेशा के लिए रोजगार खो दिया. इन दो सालों में 84 फीसदी परिवारों की आय को झटका लगा है. प्रति व्यक्ति आय बढ़ने की बजाय कम हो रही है. करीब 4.6 करोड़ लोगों को भीषण गरीबी में धकेल दिया गया है. इसके अलावा चिदंबरम ने ग्रामीण भारत में बच्चों की पढ़ाई, बच्चों में कुपोषण, ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की गिरती रैंक और शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर का जिक्र किया.
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने इन तमाम मुद्दों का जिक्र करने के बाद कहा कि, आज सुबह बजट पेश होने के बाद हमने खुद से ये सवाल किया कि, इन गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए बजट में क्या किया गया? जवाब में हमें कुछ नहीं मिला. कांग्रेस नेता चिदंबरम ने अपनी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि सरकार लोगों कोबेवकूफ समझने का काम कर रही है. सरकार ऐसा व्यवहार और काम करती है कि जैसे वो सही रास्ते पर हैं. लोगों के महत्वपूर्ण मुद्दों तक पहुंच रही है.... लेकिन ये सब गलत है. ये लोगों के अपमान को दर्शाता है.