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विवादित बयान पर कांग्रेस नेता ने मांगी माफ़ी, इन लोगों पर कार्रवाई की मांग की

Nilmani Pal
10 Nov 2022 2:01 AM GMT
विवादित बयान पर कांग्रेस नेता ने मांगी माफ़ी, इन लोगों पर कार्रवाई की मांग की
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कर्नाटक। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के कार्यकारी अध्यक्ष सतीश जारकीहोली ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को लिखे पत्र में "हिंदू" शब्द के अर्थ पर अपने बयान को वापस ले लिया है और माफी मांगी है. साथ ही उन्होंने उन लोगों को खोजने के लिए एक जांच समिति गठित करने के लिए भी कहा, जिन्होंने उन्हें हिंदू विरोधी के रूप में बदनाम करने की कोशिश की.

दरअसल, सोमवार को जारकीहोली ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि 'हिंदू' शब्द फारसी है और इसकी उत्पत्ति भारत में नहीं हुई है. उन्होंने कहा था कि हिंदू शब्द का अर्थ "भयानक" है और सवाल उठाया था कि लोग इसे उच्च स्थान पर क्यों रखते हैं. उन्होंने कहा था कि "हिंदू" शब्द कहां से आया है? यह फारस से आया है ... तो, भारत के साथ इसका क्या संबंध है? 'हिंदू' आपका कैसे है? व्हाट्सएप और विकिपीडिया पर जांचें, यह शब्द आपका नहीं है. कर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ने बेलगावी में एक कार्यक्रम में कहा था कि आप इसे उच्च स्थान पर रखना चाहते हैं? इसका अर्थ भयानक है. सोशल मीडिया पर जारकीहोली का बयान वायरल होने के तुरंत बाद, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने इस बयान के लिए उनकी आलोचना की थी और कथित तौर पर हिंदुओं का अपमान करने और उकसाने का आरोप लगाया था.

भाजपा के केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "कांग्रेस और आप नेताओं की आदत हो गई है कि वे हिंदुओं को नीचा दिखाते हैं और हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करते हैं. चुनाव के दौरान ही वे देवी-देवताओं को याद करते हैं, जबकि बाकी समय वे उन्हें गालियां देते रहते हैं." वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि यह टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है. बीजेपी सीएम बोम्मई ने कहा, "वे (कांग्रेस नेता) एक समुदाय के मतदाताओं को खुश करने के लिए आधे ज्ञान के साथ बयान देते हैं और अल्पसंख्यक वोट पाने का सपना देखते हैं. यह राष्ट्र विरोधी है और सभी को इसकी निंदा करनी चाहिए. क्या राहुल गांधी और सिद्धारमैया की चुप्पी सतीश के बयानों का समर्थन कर रही है?". मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए बोम्मई ने ऐसा कहा. भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी कहा कि इस टिप्पणी ने हिंदुओं का अपमान किया और उन्हें भड़काया है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "यह संयोग नहीं बल्कि वोटबैंक का उद्योग है, हिंदू आतंक से लेकर राम मंदिर का विरोध करने से लेकर गीता और जिहाद को जोड़ने तक."

इधर, कांग्रेस नेताओं ने मंगलवार को भी जारकीहोली के बयान से दूरी बनाए रखी. कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के प्रमुख डीके शिवकुमार ने कहा कि पार्टी सभी धर्मों का समर्थन करती है और जारकीहोली के बयान से सहमत नहीं है. शिवकुमार ने एएनआई से बात करते हुए कहा, "सतीश जारकीहोली का बयान उनकी निजी राय है न कि कांग्रेस पार्टी की राय, हम उनसे स्पष्टीकरण मांगेंगे."


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