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कांग्रेस नेता अहमद पटेल की हालत गंभीर, मेदांता अस्पताल में भर्ती

jantaserishta.com
15 Nov 2020 6:55 AM GMT
कांग्रेस नेता अहमद पटेल की हालत गंभीर, मेदांता अस्पताल में भर्ती
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के करीबी अहमद पटेल को गंभीर हालत में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कल उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। हालांकि अब उनके स्वास्थ्य में लगातार तेजी से सुधार हो रहा है।आपको बता दें की अहमद पटेल पिछले एक माह से है कोरोना से पीड़ित है।

नीचे पढ़े राजनीतिक सफर

अहमद पटेल कांग्रेस के एक बड़े नेता हैं, उन्हें राजनीतिक महकमें में कांग्रेस के चाणक्य के रूप में जाना जाता है। अहमद पटेल काफी लंबे समय से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार हैं। वह सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव भी रह चुके हैं। उन्हें कांग्रेस पार्टी में सोनिया गांधी का सबसे करीबी और भरोसेमंद नेता माना जाता है। अहमद पटेल ने सोनिया गांधी को भारतीय राजनीति में स्थापित करने में काफी अहम भूमिका निभाई। राजीव गांधी की हत्या के बाद यदि सोनिया गांधी कांग्रेस को संभाल पाईं, नरसिम्हा राव जैसे नेताओं से रिश्ते बिगड़ने के बावजूद राजनीति में स्थापित रहीं तो इसके पीछे अहमद पटेल का बड़ा हाथ है।

अहमद पटेल इंदिरा गांधी के वक्त से ही कांग्रेस में हैं। आपातकाल के बाद साल 1977 के चुनाव में जब इंदिरा गांधी को भी पासा पलटने की आशंका थी, तब अहमद पटेल ही थे, जिन्होंने अपनी विधानसभा सीट पर मीटिंग आयोजित करने के लिए इंदिरा गांधी को राजी कर लाए थे। 1977 के आम चुनाव में कांग्रेस की हार हो गई थी, तो अहमद पटेल उन मुट्ठीभर लोगों में थे, जो संसद पहुंचने में कामयाब रहे थे। साल 1980 के आम चुनाव में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई। जब इंदिरा ने अहमद पटेल को कैबिनेट में शामिल करना चाहा, तो उन्होंने संगठन में काम करने की इच्छा जाहिर करते हुए उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया।

कांग्रेस की तीन पीढ़ियों से है अहमद पटेल का नाता

67 वर्ष के अहमद पटेल का कांग्रेस के शीर्ष परिवार की तीन पीढ़ियों (इंदिरा,राजीव और सोनिया व अब राहुल) से भरोसे का रिश्ता रहा है। कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक पार्टियों से लेकर औद्योगिक घरानों तक में अहमद पटेल की पहुंच है। अहमद पटेल संसद में सात बार गुजरात का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वह तीन बार लोकसभा (1977 से 1989) और चार बार राज्यसभा (1993 से 2017) से चुनकर संसद पहुंचे। गुजरात की राजनीति में वह कांग्रेस के लिए अहसान जाफरी के बाद सबसे बड़ा मुस्लिम चेहरा माने जाते हैं। अहसान जाफरी, गुजरात दंगों के दौरान मारे गए थे। गुजरात से अहमद पटेल फिलहाल एकमात्र मुस्लिम सांसद हैं।

जब कांग्रेस जमींदोज हुई तब भी जीते थे अहमद पटेल

गुजरात के अंकलेश्वर में पैदा हुए अहमद पटेल 1977 में 26 साल की उम्र में भरुच से लोकसभा चुनाव जीतकर तबके सबसे युवा सांसद बने थे। तब देश में आपातकाल के खिलाफ जनआक्रोश से पनपी जनता पार्टी की लहर चल रही थी। ऐसे में उनका जीतना इंदिरा गांधी समेत सभी राजनीतिक पंडितों के लिए एक बेहद चौंकाने वाली घटना थी। वे 1993 से राज्यसभा सदस्य हैं। पांचवीं बार फिर किस्मत आजमा रहे हैं।अहमद पटेल की रुचि कभी भी सामने आकर राजनीति करने में नहीं रही है। वे पर्दे के पीछे की राजनीति में भरोसा करते रहे हैं।

अहमद पटेल का राजनीतिक सफर और व्यक्तिगत जीवन

1.अहमद नितांत पारिवारिक आदमी हैं। वो टीवी कम देखते हैं, अहमद मानते हैं कि आम भारतीय की नब्ज़ जानने के लिए अखबार बेस्ट हैं। घर का खाना खाते हैं। कोशिश करते हैं कि फ्लाइट न लेनी पड़े और अधिकतर ट्रेन से यात्रा करते हैं।

2.अहमद पटेल 1977 से 1982 तक गुजरात की यूथ कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। सितंबर 1983 से दिसंबर 1984 तक वो ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जॉइंट सेक्रेटरी रहे। 1985 में जनवरी से सितंबर तक वो प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संसदीय सचिव रहे।

3.सितंबर 1985 से जनवरी 1986 तक पटेल ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी रहे। कांग्रेस के तालुका पंचायत अध्यक्ष के पद से करियर शुरू करने वाले पटेल जनवरी 1986 में गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष बने और अक्टूबर 1988 तक इस पद पर रहे। 1991 में जब नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने, तो अहमद पटेल को कांग्रेस वर्किंग कमेटी का सदस्य बनाया गया, वो अब तक हैं।

4.1996 में पटेल को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का कोषाध्यक्ष बनाया गया था। उस समय सीताराम केसरी कांग्रेस के अध्यक्ष थे। साल 2000 सोनिया गांधी के निजी सचिव वी जॉर्ज से तकरार होने के बाद उन्होंने ये पद छोड़ दिया था और 2001 में सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार बन गए।

5.संगठन में इन पदों के अलावा वो सिविल एविएशन मिनिस्ट्री, मानव संसाधन मंत्रालय और पेट्रोलियम मंत्रालय की मदद के लिए बनाई गईं कमेटी के सदस्य भी रह चुके हैं। साल 2006 से वो वक्फ संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य हैं।

6.अहमद पटेल गुजरात यूथ कांग्रेस कमेटी के सबसे युवा अध्यक्ष तो रहे ही, वो अहसान जाफरी के अलावा दूसरे ऐसे मुस्लिम हैं, जिन्होंने गुजरात से लोकसभा चुनाव जीता।

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