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सोशल मीडिया से जनता को रिझाने के प्रयास में जुटी कांग्रेस, वर्चुअल थ्रीडी रैलियां भी करेंगे नेता

Nilmani Pal
10 Jan 2022 3:52 AM GMT
सोशल मीडिया से जनता को रिझाने के प्रयास में जुटी कांग्रेस, वर्चुअल थ्रीडी रैलियां भी करेंगे नेता
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दिल्ली। कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के प्रकोप के बीच पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों (Assembly Election 2022) में अब डिजिटल सियासी युद्ध होना तय है. बीते कुछ दिनों पर नजर डालें तो बीजेपी (BJP) इसमें बाकी दलों की तुलना में बीस ही दिखाई दी है. चुनाव आयोग (Election commission) ने चुनावी रैलियों, पदयात्राओं से लेकर नुक्कड़ सभाओं तक फिलहाल के लिए रोक लगा दी है. ऐसे में कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल डिजिटल युद्ध में दमखम से उतरने की तैयारी में जुट गए हैं. कांग्रेस राज्यवार अपना रोड मैप तैयार कर रही है.

कांग्रेस पार्टी (Congress) द्वारा दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड, सोनिया निवास दस जनपथ, राहुल के घर 12 तुगलक लेन, 15 जीआरजी वार रूम समेत राज्यों की राजधानियों से लेकर मंडल और जिला कार्यालयों में ग्रीन रूम तैयार किए जा रहे हैं. यहां से नेता वर्चुअली जनता से जुड़ सकेंगे. वर्चुअल रैलियों को आम जन तक पहुंचाने के लिए एलईडी मोबाइल वैन्स और प्रोजेक्टर का भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाएगा. ताजा आंकड़ों के मद्देनजर ट्विटर को नैरेटिव सेट करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिए वोटों को अपनी ओर खींचने का प्रयास किया जाएगा. फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर वीडियो कंटेंट डालने के साथ ही नेताओं का लाइव भी किया जाएगा. जूम और स्काइप जैसे माध्यमों का इस्तेमाल भी चुनावी कैंपेन के लिए किया जाएगा. वर्चुअल कार्यक्रम में कंटेंट का खास ख्याल रखा जाएगा.

पार्टी का मानना है कि डिजिटल के युद्ध में कंटेंट ही सबसे अहम है. चुनाव में इसी के जरिये बढ़त बनाई जा सकती है. आम रैलियां अलग-अलग जगह होती हैं, जहां कंटेंट रिपीट हो सकता है. हालांकि डिजिटल दुनिया में हर बार कंटेंट नया होना, ध्यान खींचने वाला और ऊर्जा भरने वाला होना चाहिए. ताकि लोगों को लगातार जोड़कर रखा जा सकेगा. उबाऊ और रिपीट होने वाला कंटेंट डिजिटल दुनिया में नहीं चल सकता. क्योंकि जनता हर बार कुछ नया देखना चाहती है.

पार्टी ब्लॉक स्तर तक के कार्यकर्ताओं को व्हाट्सअप, फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम से जुड़कर आम जनता को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए कहेगी. बड़े नेताओं की वर्चुअल थ्रीडी रैलियां करने का भी प्रस्ताव है, जिसको अंतिम रूप दिया जाना फिलहाल बाकी है. यूपी के पूर्वांचल, पश्चिम, बुंदेलखण्ड, अवध, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर ,गोवा जैसे राज्यों में स्थानीय संस्कृति और भाषा के साथ ही लोकगीतों का भी इस्तेमाल होगा. इससे वहां के आम जन को साथ जोड़े रखने का प्रयास किया जाएगा.


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