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पंजाब कांग्रेस की कप्तानी मिलने के बाद से ही फ्रंटफुट से बैटिंग कर रहे नवजोत सिंह सिद्धू को सलाहकारों को लेकर कांग्रेस नेतृत्व की ओर से अल्टीमेटम मिला है। सीनियर कांग्रेस नेता और पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू को अपने सलाहकारों को बर्खास्त कर देना चाहिए और अगर वह ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो फिर पार्टी करेगी। हरीश रावत की यह फटकार, कैप्टन को आउट करने की कोशिश में जुटे नवजोत सिंह खेमे के लिए यह किसी बड़े झटके से कम नहीं है।
दरअसल, नवजोत सिंह सिद्धू की टीम में हाल ही में शामिल हुए मालविंदर सिंह माली और प्यारे लाल गर्ग बीते कुछ दिनों से पाकिस्तान, कश्मीर और इंदिरा गांधी पर दिए अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में हैं। इतना ही नहीं, मालविंदर सिंह माली कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं और उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में अमरिंदर सिंह को 'अली बाबा' और उनके सहयोगियों को 'चालीस चोर' बताया था।
NDTV से बातचीत में पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि यहां यह या वह खेमा नहीं है, जिसने (उन बयानों पर) आपत्ति जताई है। पूरी पार्टी और राज्य को भी उन बयानों पर आपत्ति है। जम्मू-कश्मीर पर पार्टी की एक लाइन है कि- यह भारत का हिस्सा है। यह पूछे जाने पर कि पार्टी इस विवाद से कैसे निपटेगी, रावत ने कहा कि इन सलाहकारों को पार्टी द्वारा नियुक्त नहीं किया गया था। हमने सिद्धू से उन्हें बर्खास्त करने के लिए कहा है। अगर सिद्धू ऐसा नहीं करते हैं, तो मैं करूंगा। हम ऐसे लोग नहीं चाहते जो पार्टी को शर्मिंदा करें।
बता दें कि इससे पहले अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के महासचिव हरीश रावत ने बुधवार को कहा कि अगले साल होने वाला पंजाब विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। उनका यह बयान नवजोत सिंह सिद्धू खेमे के उन मंत्रियों को एक झटका है जो मुख्यमंत्री को हटाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू एक अलग पृष्ठभूमि से आते हैं। हमने भविष्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें कांग्रेस की पंजाब इकाई का अध्यक्ष बनाया। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पूरी पार्टी उन पर छोड़ दी गई है।
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