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कांग्रेस CEC की बैठक कल, अमेठी-रायबरेली की सीटों को लेकर होगी चर्चा

jantaserishta.com
26 April 2024 2:02 PM GMT
कांग्रेस CEC की बैठक कल, अमेठी-रायबरेली की सीटों को लेकर होगी चर्चा
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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान हो चुका है. इसी के साथ देश की कुल 190 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है. इसके बाद कल शनिवार को कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक होने जा रही है. बताया जा रहा है कि इसमें यूपी की अमेठी और रायबरेली सीट पर उम्मीदवारों के नाम को लेकर फैसला हो सकता है. दूसरे चरण के तुरंत बाद इस बैठक के कई मायने निकाले जा रहे हैं. कारण, राहुल गांधी की वायनाड सीट पर मतदान हो चुका है.
अमेठी और रायबरेली के लिए नामांकन 26 अप्रैल से शुरू हो चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने पर अब फैसला लिया जाएगा. यही कारण है कि पार्टी ने अभी तक अमेठी और रायबरेली से उम्मीदवारों के नामों का ऐलान नहीं किया है. हालांकि शनिवार शाम को हो होने वाली बैठक में क्या निर्णय लिया जाता है, ये अब देखने वाली बात होगी.
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस की राज्य चुनाव समिति ने राहुल गांधी नाम अमेठी से और प्रियंका गांधी का नाम रायबरेली से प्रस्तावित किया है. समिति ने ये प्रस्ताव चुनाव समिति को भेज दिया था. इसके बाद चुनाव समिति ने अंतिम निर्णय गांधी परिवार पर छोड़ दिया है. ऐसे में आने वाले एक दो दिनों में इन दोनों चर्चित सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर सकती है.
बता दें कि अमेठी उत्तर प्रदेश का 72वां जिला है जिसे बहुजन समाज पार्टी सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर 1 जुलाई 2010 को अस्तित्व में लाया गया था. शुरुआत में इसका नाम छत्रपति साहूजी महाराज नगर था लेकिन इसे बदलकर अमेठी कर दिया गया. यह भारत के नेहरू-गांधी परिवार की राजनैतिक कर्मभूमि रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु, उनके पोते संजय गांधी, राजीव गांधी और उनकी पत्नी सोनिया गांधी ने इस जिले का प्रतिनिधित्व किया है. 2014 आम चुनाव में राहुल गांधी यहां से सांसद चुने गए लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में उन्हें भारतीय जनता पार्टी की स्मृति ईरानी ने पराजित कर दिया.
2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक अमेठी की 72.16 फीसदी जनसंख्या साक्षर है. इनमें पुरुष 83.85 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 60.64 फीसदी है. अमेठी रियासत का इतिहास एक हजार वर्ष से भी पुराना है. राजा सोढ़ देव ने तुर्कों के आक्रमण के दौरान 966 ई. में इस रियासत की स्थापना की थी. तुर्कों के बाद मुगल शासकों ने भी इस रियासत पर हमले किए लेकिन इसका मान-सम्मान बचा रहा.
निर्वाचन क्षेत्र के रूप में रायबरेली कांग्रेस का गढ़ है. ये पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का निर्वाचन क्षेत्र रहा है और 1999 से लगातार पांचवीं बार सोनिया गांधी यहां से सांसद चुनी गईं. यहां से तीन बार कांग्रेस पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है. रायबरेली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत पांच विधान सभा क्षेत्र आते हैं. 2011 जनगणना के मुताबिक लगभग 35 लाख जनसंख्या वाले इस जिले में प्रति वर्ग किलोमीटर 739 लोग रहते हैं. रायबरेली की 67.25 फीसदी जनसंख्या साक्षर है. इनमें पुरुष 77.63 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 56.29 फीसदी है.
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