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हालत ख़राब: देश में कोयले की कमी से पैदा हुआ बिजली संकट, डिटेल में पढ़ें

jantaserishta.com
3 May 2022 5:03 AM GMT
हालत ख़राब: देश में कोयले की कमी से पैदा हुआ बिजली संकट, डिटेल में पढ़ें
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नई दिल्ली: भीषण गर्मी के साथ साथ देश के तमाम राज्य इन दिनों बिजली संकट से जूझ रहे हैं. बताया जा रहा है कि बिजली संकट के पीछे मुख्य वजह मांग का बढ़ना और कोयले की कमी है. अप्रैल में भारत में बिजली की मांग 13.6% बढ़कर 132.98 बिलियन यूनिट पहुंच गई है. पिछले साल अप्रैल में देश में बिजली की खपत 117.08 बिलियन यूनिट थी.

अप्रैल की शुरुआत के बाद से, झारखंड 10-12 फीसदी की औसत बिजली आपूर्ति की कमी का सामना कर रहा है, यह देश में सबसे ज्यादा खराब है. इसके बाद आंध्र प्रदेश (10%), उत्तराखंड (8-10%), मध्य प्रदेश (6%) और हरियाणा (4%) का नंबर आता है.
देश के 150 पावर प्लांट्स में से 60% यानी 88 में कोयले की कमी है. यह बात सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (CEA) की डेली कोल स्टॉक रिपोर्ट में सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान, महाराष्ट्र, बंगाल में हालत सबसे खराब हैं.
जिन 88 पावर प्लांट में कोयले की कमी है, उनमें से 42 राज्य सरकारों के अधीन हैं. जबकि 32 प्राइवेट सेक्टर के हैं. 12 सेंट्रल के पास हैं. जबकि 2 जॉइंट बेंचर के पावर प्लांट हैं. बताया जा रहा है कि राजस्थान, महाराष्ट्र, बंगाल में पावर प्लांट में सबसे ज्यादा कोयले की कमी है.
राजस्थान में राज्य सरकार के अधीन 7 पावर प्लांट हैं. इन सभी में कोयले की कमी है. इसके अलावा महाराष्ट्र के 7 में से 6, बंगाल के 6 में 6, तमिलनाडु के 4 में से 4, उत्तर प्रदेश के 4 में 3 पावर प्लांट में कोयले की कमी है. एमपी के 4 में से 3 पावर प्लांट कोयले की कमी से जूझ रहे हैं. आंध्र प्रदेश-कर्नाटक में 3-3 पावर प्लांट हैं, जो कोयला संकट का सामना कर रहे हैं. इसके अलावा हरियाणा और गुजरात में 3 पावर प्लांट्स में से 2 में कोयले का संकट है.
देश इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है. इसके चलते बिजली की मांग काफी तेजी से बढ़ गई है. दूसरी ओर रूस यूक्रेन युद्ध के चलते कोयले के आयात पर असर पड़ा है. ऐसे में दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड, एमपी, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, हिमाचल में कोयले की कमी की खबरें सामने आई हैं. इतना ही नहीं इन राज्यों में लोग अघोषित बिजली कटौती से भी परेशान हैं.
हरियाणा में बिजली की मांग 9000MW तक पहुंच गई है. इस समय राज्य में 1500 MW बिजली की शॉर्टेज है. उधर, पंजाब में 1725 MW बिजली की कमी है. पंजाब में पिछले 1 महीने में मांग 33% बढ़ी है. इसके चलते दोनों राज्यों में बिजली कटौती हो रही है. उधर, फ्री बिजली का वादा कर पंजाब में सरकार में आई AAP को इन दिनों परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, यहां बिजली कटौती के विरोध में किसान सड़कों पर उतर आए हैं.
गृहमंत्री अमित शाह ने देश में बिजली संकट पर सोमवार को बड़ी बैठक बुलाई थी. इस बैठक में ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी और मंत्रालय के सचिव समेत तमाम बड़े अफसर शामिल हुए. इस बैठक में कोयले की कमी, बिजली संकट के बारे में चर्चा हुई.
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