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चिंता का विषय: व्यक्ति में थे कोरोना के लक्षण, फिर भी आरटी-पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट आई निगेटिव, जानिए क्या है पूरा मामला...

jantaserishta.com
21 May 2021 6:04 AM GMT
चिंता का विषय: व्यक्ति में थे कोरोना के लक्षण, फिर भी आरटी-पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट आई निगेटिव, जानिए क्या है पूरा मामला...
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भारत में कोरोना संक्रमण का कहर जारी है, हर रोज लाखों लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं। इसके अलावा बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिनके शरीर में कोरोना के लक्षण दिखाई तो देते हैं, लेकिन आरटी-पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है।

यह एक चिंता का विषय बना हुआ है। हालांकि यह तो साफ है कि कोविड-19 की जांच के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट ही कारगर है, लेकिन जरूरी नहीं कि सटीक और सही हों। कभी-कभी रिपोर्ट निगेटिव भी आ सकती है, जो वास्तव में खतरनाक है।

रिसर्च में इसका खुलासा हुआ है कि भारत में कोविड -19 का पता लगाने के लिए दो प्रकार के टेस्ट किए जा रहे हैं। पहला आरटी-पीसीआर और दूसरा रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी)। इस दोनों टेस्ट के जरिए पता चलता है कि व्यक्ति कोरोना संक्रमित है या नहीं।
डॉक्टरों का कहना है कि टेस्ट पॉजिटिव आने पर मरीज का इलाज तुरंत शुरू होना चाहिए। अगर मरीज में लक्षण है और उसकी स्थिति सामान्य है तो उसे घर पर ही आइसोलेट हो जाना चाहिए। अगर ज्यादा दिक्कत हो तो अस्पताल पहुंचना चाहिए।
कई लोगों को कोरोना के हल्के लक्षण दिख रहे हैं और टेस्ट रिपोर्ट भी नेगेटिव आ रही है। ऐसे लोगों के जरिए कोरोना तेजी से फैल सकता है। दरअसल कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद संक्रमित व्यक्ति दूसरे लोगों के संपर्क में आता है और वायरस को तेजी से फैलाता है। जिससे महामारी पर नियंत्रण करने में सरकार को भी परेशानी आ रही है।
दरअसल, आरटी पीसीआए टेस्ट से कोविड-19 के सही नतीजे आते हैं, कोरोना की जांच के लिए यह सबसे भरोसेमंद टेस्ट है। टेस्ट वायरस का पता लगाने में काफी प्रभावी भी हैं, लेकिन फिर भी इसे सौ फीसदी सटीक नहीं माना जा सकता।
रिपोर्ट कई बातों पर निर्भर करती है। अगर आप कोविड-19 पॉजिटिव है और दूसरी बार टेस्ट कराने पर आपकी रिपोर्ट निगेटिव आ रही है लेकिन फिर भी आपको कोरोना के लक्षण है तो आपको सतर्क होने की आवश्यकता है।
रिसर्च के मुताबिक आरटी पीसीआर टेस्ट कोविड-19 के नतीजे सही होते हैं, लेकिन पूरी तरह सटीक नहीं होते। नाक या गले से सैंपल लेते समय सैंपल लेने का तरीका गलत हो सकता है। इसके अलावा शरीर में वायरस को सक्रिय रखने के लिए जरूरी तरल की मात्रा नहीं होने से भी रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है।
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