भारत

रविवार को कम्‍प्‍लीट लॉकडाउन का ऐलान

Nilmani Pal
21 Jan 2022 6:48 AM GMT
रविवार को कम्‍प्‍लीट लॉकडाउन का ऐलान
x
बड़ी खबर

केरल। भारत के केरल राज्‍य में कोरोना (Covid-19) बेकाबू होता जा रहा है. गुरुवार को एक दिन में सबसे ज्यादा कोरोना केस सामने आए. बेकाबू होते कोरोना केस के बीच केरल सरकार ने प्रतिबंधों को और कड़ा कर द‍िया है. राज्‍य में अब अगले दो रविवार (23 और 30 जनवरी) को कम्‍प्‍लीट लॉकडाउन (Lockdown) रहेगा. इस दौरान केवल आवश्यक सेवाओं को ही कार्य करने की अनुमति होगी. राज्‍य में पॉजिट‍िव‍िटी रेट (Positivity Rate) 40 प्रतिशत को पार कर गई है. राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए आकंड़ों के मुताबिक, गुरुवार को केरल में कोरोना के 46387 नए मामले सामने आए, जबकि 15388 लोग ठीक हो गए. इसके अलावा 32 लोगों की मौत भी हो गई.

इस बीच राज्य भर के सभी स्कूलों को बंद करने का भी फैसला किया गया है. शुक्रवार से सिर्फ ऑनलाइन कक्षाएं होंगी. केरल में अगले दोनों रविवार मॉल, थिएटर, स्कूल-कॉलेज, मार्केट, धार्मिक संस्थान इत्यादि बंद रहेंगे. ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए केरल सरकार ने 2 साल से कम उम्र के बच्चों की मांओं के लिए वर्क फ्रॉम होम का ऐलान किया है. केरल में कोविड-19 के 2020 से अब तक के सबसे ज्यादा केस सामने आए हैं. इसके अलावा प्रत्येक जिला प्रशासन मामलों की संख्या के आधार पर नए प्रतिबंधों पर निर्णय ले सकता है. धार्मिक समारोह ऑनलाइन आयोजित किए जा सकते हैं. थिएटर और बार पर प्रतिबंध संबंधित जिला कलेक्टरों द्वारा तय किया जा सकता है. केंद्र सरकार की ओर स्पष्ट कहा गया है कि अस्पताल में भर्ती होने मरीजों की दर और मृत्यु दर में बढ़ोतरी होने की स्थिति में ही लॉकडाउन लगाया जाना चाहिए. वहीं दूसरी ओर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी भारत में पूर्ण लॉकडाउन लगाने के फैसले को खारिज कर चुका है.

केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के बाद मृतकों की लिस्ट में 309 लोगों के नाम और शामिल हो गए हैं. जिससे बाद कुल मौतों का आंकड़ा 51,501 हो गया है. राज्य में ओमिक्रॉन के भी 62 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद राज्य में ओमिक्रॉन संक्रमितों का आंकड़ा 707 पहुंच गया है. तिरुवनंतपुरम ने सबसे अधिक 9,720 मामले दर्ज किए. उसके बाद एर्नाकुलम, कोझीकोड, त्रिशूर, कोट्टायम और कोल्लम में क्रमशः 3,002, 4,016, 3,627 और 3,091 नए मामले सामने आए. अब तक, राज्य में 1,99,041 सक्रिय मामले हैं. इनमें से केवल 3 प्रतिशत अस्पताल में भर्ती हैं.

Next Story