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लिखित शिकायत पर नहीं मिला मुआवजा, 6 हजार किसान वंचित

Shantanu Roy
20 Sep 2023 6:56 PM GMT
लिखित शिकायत पर नहीं मिला मुआवजा, 6 हजार किसान वंचित
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सीकर। सीकर बेमौसम की बारिश से किसानों की फसल खराब हो रही है। खराबे का मुआवजा मिल सके इसलिए किसान फसल बीमा करने वाली सरकारी कंपनी के टोल-फ्री नंबर पर शिकायत के लिए कॉल कर रहे हैं। चौंकाने वाला सच ये है कि टोल-फ्री नंबर 18004196116 पर कॉल करने पर जवाब मिल रहा है कि नए नंबर 18001809519 पर कॉल करो। यह नंबर भी बंद आ रहा है। किसानों की चिंता इसलिए बढ़ रही है कि रबी-2022 में टोल-फ्री नंबर बंद रहने से छह हजार ज्यादा किसान क्लेम से वंचित हो गए थे। उस वक्त फसल बीमा की जिम्मेदारी निजी कंपनी के पास थी। यदि कृषि विभाग में लिखित शिकायत दी जाती है तो क्लेम नहीं मिलता है। क्योंकि, ऑफलाइन को रिकॉर्ड में ही नहीं लिया जाता है। किसानों के अनुसार इस समय खरीफ में फसल कटाई के समय हो रही बारिश में 40 से 50 प्रतिशत तक कटी हुई बाजरा, मूंग, मोठ व चंवला की फसलों में करोड़ों का खराबा हो चुका है।
श्रीमाधोपुर हांसपुर निवासी संतोष कुमारमीणा का कहना है कि सोमवार देर शामएग्रीकल्चर इंडिया लिमिटेड कंपनी केटोल-फ्री नंबर 18004196116 पर कॉलकिया तो जवाब मिला कि18001809519 नया नंबर जारी हो गयाहै। नए नंबर पर भी बार-बार कॉल करनेपर बंद ही आ रहा था। ऐसा ही झुंझुनूं केदेवीपुरा निवासी किसान प्रकाश कुमार केसाथ हुआ। प्रकाश ने मंगलवार सुबहकंपनी के टोल-फ्री नंबर पर कॉल कियातो बंद आ रहा था। गुंगारा के राकेश नेहराव नीमकाथाना न्योराना निवासी प्रकाशमीणा का कहना है कि उन्होंने रबी सीजनमें पाला व शीतलहर से फसल खराब होनेपर फसल बीमा कंपनी एचडीएफसी एग्रोजनरल इंश्यारेंस कंपनी का टोल फ्री नंबरकॉल किया था। नंबर बंद आने पर कृषिविभाग को अॉफलाइन शिकायत दर्जकरवाई थी। फिर भी कंपनी ने क्लेम सेवंचित रखा। जबकि रबी सीजन में खराबाहोने वाली चना व सरसों की फसल काबीमा भी करवाया था। सीकर राजस्व विभाग की टीम बारिश से हुए खराबे को लेकर जायजा ले रही है। कलेक्टर सौरभ स्वामी के निर्देश पर धोद तहसीलदार सोमेंद्र सिंह व नायब तहसीलदार बजरंग लाल मीणा, पटवारी बाबूलाल ने धोद क्षेत्र के विभिन्न गांवों में दौरा कर बरसात से हुई फसल खराबे का किसानों के खेतों में जाकर जानकारी ली। उन्होंने मौके पर ही पटवारी को नुकसान का सही आकलन कर रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए। ताकि किसानों को मुआवजे की कार्यवाही की जा सके।
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