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सांप्रदायिक तनाव बढ़ा, शुरू हुआ थूक मुक्त खाना कैंपेन, जानें क्या है ये नया माजरा

jantaserishta.com
24 Nov 2021 10:06 AM GMT
सांप्रदायिक तनाव बढ़ा, शुरू हुआ थूक मुक्त खाना कैंपेन, जानें क्या है ये नया माजरा
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सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो सामने आए थे.

तिरुवनंतपुरम: केरल में इन दिनों एक ऐसा कैंपेन चलाया जा रहा है, जिससे वहां सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया है. सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो सामने आए थे, जिसमें मुस्लिम व्यक्ति खाने में थूकते दिखाई दे रहे थे. इसके बाद अब वहां 'Spit Free Food' यानी 'थूक मुक्त खाना' कैंपेन शुरू हुआ है. ये कैंपेन इसाई समूहों की ओर से शुरू किया गया है और इसके तहत लोगों को सोशल मीडिया के जरिए गैर-मुस्लिम मालिकों के होटलों में जाने की बात कर रहे हैं.

केरल में मुस्लिम मालिकों के होटल के खिलाफ बीजेपी भी 'हलाल कल्चर' नाम से एक अभियान चला रही है. हालांकि, इन अभियानों ने यहां सांप्रदायिकता भी बढ़ा दी है.
'Soldiers of Cross' नाम से एक ग्रुप सोशल मीडिया के जरिए होटलों की लिस्ट साझा कर रहा है और दावा कर रहा है कि यहां थूक मुक्त खाना परोसा जाता है.
केरल के कोझिकोड में स्थित पैरागॉन ग्रुप ऑफ रेस्टोरेंट का कहना है कि जब से ये कैंपेन शुरू हुआ है, तब से उनके होटल के खिलाफ भी कैंपेन चलाया जा रहा है. पैरागॉन ग्रुप के मालिक सुमेश गोविंद ने बताया कि कुछ लोग उनके नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि हम 8 दशकों से बिना किसी भेदभाव के लोगों को खाना सर्व कर रहे हैं. हमें नहीं पता कि इन सबके पीछे कौन हैं. उन्होंने कहा कि ये कोई धार्मिक असहिष्णुता है या प्रतिद्वंदियों का कारनामा, लेकिन अब वो पुलिस से इसकी शिकायत करने जा रहे हैं.
वहीं, वीडियो सामने आने के बाद इसका बचाव करने वाले लोग भी सामने आ गए हैं. लोगों का कहना है कि वो खाने में 'थूक' नहीं रहा है, सिर्फ 'फूंक' मार रहा है. ये 'फातिहा जलाना' रिवाज के तहत किया जा रहा है. जो वीडियो सामने आया था उसमें दिख रहे शख्स की पहचान उलाल काजी फजल कोयम्मा थंगल के रूप में हुई है. ये वीडियो केरल के पय्यान्नूर की ताजुल उलामा दरगाह में बनाया गया था. बचाव करने वालों का कहना है कि खाने में फूंक माकर काजी उसे 'पाक' यानी पवित्र कर रहे हैं.
हालांकि, कुछ ऐसे मुसलमान भी हैं जो इस रिवाज का विरोध कर रहे हैं. पलायम मस्जिद के इमाम डॉ. सुहैब मौलवी बताते हैं कि पैगंबर ने कहा था कि खाने में फूंक नहीं मारनी चाहिए. पैंगबर ने खाने में फूंक मारने के रिवाज को गलत ठहराया था.
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