दिल्ली। लोकसभा में शनिवार को संविधान पर चर्चा के दौरान जमकर हंगामा हुआ. असल में डीएमके सांसद ए. राजा ने अपने भाषण में कहा कि 1947 में देश के विभाजन की दो-राष्ट्र सिद्धांत की शुरुआत वीर सावरकर ने की थी, न कि मुहम्मद अली जिन्ना ने. उनका यह बयान सुनते ही सदन में हंगामा मच गया. इससे पहले, ए. राजा ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि "भाजपा संविधान में बदलाव करेगी और भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करेगी." इस बयान पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आपत्ति जताई और ए. राजा से अपने दावे को प्रमाणित करने को कहा. जोशी ने कहा, "आपके पार्टी के उपाध्यक्ष ने चुनावों से पहले कहा था कि अगर भाजपा को 400 सीटें मिलती हैं, तो वे संविधान में बदलाव करेंगे और भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करेंगे."
इसके अलावा, ए. राजा ने एनडीए सांसदों को "Bad Elements" करार दिया, जिस पर सदन में और भी हंगामा हुआ. भाजपा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसे बयान सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं और बिना प्रमाण के आरोप लगाने की निंदा की. ए राजा ने ‘बैड एलिमेंट’ शब्द का इस्तेमाल किया जिस पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने आपत्ति दर्ज करवाई. निशिकांत दुबे ने कहा कि इस पर ए राजा को माफी मांगनी चाहिए. जगदंबिका पाल ने कहा कि राजा के बयान को सदन की कार्यवाही से हटा देंगे.
इससे पहले लोकसभा में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला था. रिजिजू ने कहा, "कांग्रेस की नीति सीमा क्षेत्रों में सड़कें न बनाने की थी. उनकी सोच थी कि अगर सड़कें बनेंगी, तो चीनी सेना उन्हीं सड़कों से आकर हमारी जमीन पर कब्जा कर लेगी." उन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध का उल्लेख करते हुए कहा, "उस समय मेरा गांव दो सप्ताह तक चीनी नियंत्रण में था. कांग्रेस ने हमारे लिए सड़कें नहीं बनाईं, खासतौर पर नॉर्थ-ईस्ट इंडिया के लिए बिल्कुल नहीं." रिजिजू ने बताया कि उन्होंने एक ऐसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ने का फैसला किया जो राष्ट्रवादी हो और भारत की हर इंच जमीन की रक्षा करने का साहस रखती हो.