
दो अन्य पुरुषों के खिलाफ एक ही धारा के तहत आरोप तय किए गए थे, लेकिन उन्हें धारा 354ए (यौन उत्पीड़न) के तहत आरोपमुक्त कर दिया गया था। महिला ने आरोप लगाया था कि तीनों लोगों ने आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं और उसके बारे में कुछ खास बातें कीं और उसे 'बुरी नजर' से भी देखा करते थे। अदालत ने कहा कि दस्तावेजों के अवलोकन के दौरान आरोपी व्यक्तियों के कथित कृत्य आईपीसी की धारा 354ए (1)(ए) के तहत नहीं आएंगे।
आईपीसी की धारा 509 के तहत आरोपी को आरोपमुक्त करते हुए अदालत ने कहा, "महिला ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि वह कुछ बुदबुदा रहा था, लेकिन वह सुनने के लिए वहां नहीं रुकी।" अदालत ने यह भी नोट किया कि पुरुष के कहे किसी भी शब्द का कोई विशेष उल्लेख नहीं था या कोई विशिष्ट आरोप नहीं था कि उसने कोई आवाज निकली या इशारा किया या कोई चीज दिखाई, जिससे महिला का अपमान हुआ हो या उसकी निजता पर आक्षेप हुआ हो।
