जमुई। जिले में कोरोना जांच में फर्जीवाड़ा के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. सिविल सर्जन समेत तीन चिकित्सा पदाधिकारी और कर्मियों पर गाज गिरी है. कोविड जांच में गलत डाटा देकर खानापूर्ति की शिकायत के बाद जमुई डीएम अवनीश कुमार सिंह ने जांच का आदेश दिया था, जिसके बाद यह कार्रवाई का गई है. जिले के डीएम ने बताया है कि सभी दोषियों लोगों पर कार्रवाई की जा रही है. बताते चलें कि कोविड जांच में गड़बड़ी की शिकायत आने के बाद अधिकारियों की टीम से डीएम ने जांच करवाई थी. डीएम ने बताया कि जिले के सिविल सर्जन डॉ विजेंद्र सत्यार्थी के साथ जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, बरहट और सिकंदरा के चिकित्सक पदाधिकारी को निलंबित किया गया है. इसके अलावा और लोगों पर नियम के अनुसार कार्रवाई की जा रही है. इस मामले को अगर समझें तो कोरोना को लेकर होने वाली जांच के दौरान इस तरह की कई शिकायतें आई थीं. शिकायत में कहा गया था कि लोगों ने सैंपल दिया ही नहीं और उनके मोबाइल पर जांच की रिपोर्ट भेज दी गई. जमुई जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर कोविड जांच को लेकर कई शिकायतें आई थीं, जिसमें जांच वाले रजिस्टर में वैसे लोगों का मोबाइल नंबर भी अंकित किया गया था जिसने जांच कराई ही नहीं थी. बताया जा रहा है कि जांच में लगे कर्मी कई लोगों के नाम के साथ गलत मोबाइल नंबर अंकित किया गया.
पदाधिकारियों द्वारा कराई गई जांच में पता चला कि ऐसे कई लोग मिले हैं, जिन्होंने जांच करया ही नहीं और उनका नाम दर्ज कर लिया गया. जांच रिपोर्ट आने के बाद वैसे दोषी लोगों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. सिविल सर्जन डॉ विजेंद्र सत्यार्थी को और जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विमल कुमार चौधरी के अलावा बरहट के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एन के मंडल और सिकंदरा प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ साजिद हुसैन को भी निलंबित कर दिया है. डीएम ने यह भी संकेत दिया है कि आगे और भी सख्त और कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा डीएम अवनीश कुमार सिंह ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर जहां कोविड जांच हुई है उसकी भी जांच कराई जाएगी.