प्रतापगढ़। जिला कलक्टर डॉ. अंजलि राजोरिया ने गुरूवार को जिले की पंचायत समिति छोटीसादड़ी की ग्राम पंचायत नारायणी में जनसुनवाई कार्यक्रम में भाग लिया। राज्य सरकार द्वारा आमजन की समस्याओं का स्थानीय स्तर पर ही निराकरण करने के लिये त्रि-स्तरीय जनसुनवाई कार्यक्रम के तहत महीने के प्रथम गुरूवार को पंचायत समिति छोटीसादड़ी की ग्राम पंचायत …
प्रतापगढ़। जिला कलक्टर डॉ. अंजलि राजोरिया ने गुरूवार को जिले की पंचायत समिति छोटीसादड़ी की ग्राम पंचायत नारायणी में जनसुनवाई कार्यक्रम में भाग लिया।
राज्य सरकार द्वारा आमजन की समस्याओं का स्थानीय स्तर पर ही निराकरण करने के लिये त्रि-स्तरीय जनसुनवाई कार्यक्रम के तहत महीने के प्रथम गुरूवार को पंचायत समिति छोटीसादड़ी की ग्राम पंचायत नारायणी में जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जिला कलक्टर ने मौके पर आमजन की जनसुनवाई कर परिवेदनाओं का निस्तारण करने के लिये संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को आमजन को अधिकाधिक योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए निर्देशित किया और कहा की सभी पात्रों को योजनाओं के दायरे में लाएं और यह कार्य प्राथमिकता के साथ करे। इस अवसर पर उपखंड स्तरीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है की आमजन की समस्याओं के निस्तारण के लिए जिलेभर में ग्राम पंचायत स्तरीय जनसुनवाई के अंर्तगत विभिन्न अधिकारियों ने लोगों की समस्या को सुना और आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
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पहले चरण में जनजाति वर्ग के सभी स्कूलों में होगी सिकल सेल की स्क्रीनिंग
प्रतापगढ़, एक फरवरी। जिला कलेक्टर के निर्देशन में चल रहे सिकल सेल एनीमिया स्क्रीनिंग का कार्य प्रथम चरण में सभी स्कूल में जनजाति वर्ग के सभी बच्चों की स्कूलों में स्क्रीनिंग की जाएगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ वीडी मीना ने बताया कि यह एक अनुवांशिक बीमारी है जो माता पिता से अगली पीढ़ी में जाता है। इसको रोकने को लेकर भारत सरकार के चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्धारा पूरे देश में सिकल सेल एनीमिया स्क्रीनिंग अभियान चलाया जा रहा है। सन 2047 तक इस बीमारी के उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है।
डिप्टी सीएमएचओ डॉ जगदीप खराड़ी ने बताया कि जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार चिकित्सा विभाग तथा शिक्षा विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के सामूहिक रूप से यह अभियान जिले भर में चलाया जा रहा है। उन्होंने ने बताया की यह एक गम्भीर बीमारी है, उक्त स्क्रीनिंग के साथ तस्वीर साफ होगी की सिकल सेल एनीमिया का कितना प्रिविलेंस पाया जाता हैं। प्रथम चरण में सभी जनजाति वर्ग की स्क्रीनिंग की जाएगी, इसके पश्चात चरणबद्ध तरीके से अन्य विद्यालयों में भी स्क्रीनिंग का कार्य करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्क्रीनिंग टेस्ट को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षित टेक्निशियनों की टीम को बढ़ाया जा रहा था कि एक दिन में काम से कम 28000 बच्चों की स्क्रीनिंग का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
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जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक आयोजित
प्रतापगढ़, एक फरवरी। जिला कलक्टर सभागार में जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक बुधवार को जिला कलक्टर एवं अध्यक्ष जिला जल एवं स्वच्छता समिति डॉ अंजलि राजोरिया की अध्यक्षता मे आयोजित की गई। जिला कलक्टर ने जल जीवन मिशन के तहत वर्तमान में स्वीकृत व प्रगतिरत कार्य तथा एफएचटीसीएस की प्रगति को लेकर निर्देश दिये।
बैठक में जिला कलक्टर ने क्रियान्वयन सहयोगी संस्था (आईएसए), डीपीएमयू व टीपीआईए के कार्याे की समीक्षा की। साथ ही जल जीवन मिशन के अन्तर्गत जिला प्रतापगढ़ के स्कूल आंगनबाडी केन्द्रों, ग्राम पंचायत भवन एवं स्वास्थ्य केंद्रो में प्राथमिकता से जल संबंध उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने क्षैत्रवार कार्यों की जानकारी लेते हुए सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को भौतिक सत्यापन करने व प्रगतिरत कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण करने व पाइप लाइन डालने के लिए खोदी गई सड़को की मरम्मत प्राथमिकता से करने हेतु निर्देशित किया गया।
इस दौरान पीएचडी वृत प्रतापगढ़ के अधीक्षण अभियन्ता शैतान सिंह द्वार पीपीटी के माध्यम से जल जीवन मिशन की अब तक की जिला प्रतापगढ़ की प्रगति रिपोर्ट की प्रस्तुति दी गई। बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दुर्गाशंकर मीना, विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता इंद्रराज मीना, परियोजना खंड प्रतापगढ़ के अधिशाषी अभियंता मोहम्मद अकरम शेख, अधिशाषी अभियंता शांतिलाल ओस्तवाल व विभाग के अन्य अधिकारी सहित जिला जल स्वच्छता मिशन के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
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ग्राम स्तर मिटटी परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित के लिए 10 फरवरी तक आवेदन आमंत्रित
प्रतापगढ़, एक फरवरी। वर्तमान में जिले की कुल 8 पंचायत समितियों में से दो पंचायत समितियों पर मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएँ स्थापित है, शेष 6 पंचायत समिति (सुहागपुरा, पीपलखूंट, दलोट, अरनोद, छोटीसादड़ी, धमोत्तर) मुख्यालयों पर वर्ष 2023-24 में केन्द्रीय प्रवर्तित योजना आरकेवीवाई-सॉयल हेल्थ एण्ड फर्टिलिटी अन्तर्गत एक-एक वीएलएसटीएल (ग्राम स्तर मिटटी परीक्षण प्रयोगशाला) स्थापित किया जाना प्रस्तावित हैं। इस हेतु आवेदन की अन्तिम समय सीमा 10 फरवरी 2023 है। इच्छुक व्यक्ति कार्यालय संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार), जिला परिषद, प्रतापगढ़ से आवेदन फॉर्म प्राप्त कर सकते है। प्राप्त प्रस्तावों में से जिला स्तरीय कार्यकारिणी समिति द्वारा स्क्रीनिंग करते हुए प्रत्येक पंचायत समिति हेतु एक-एक प्रस्ताव राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति द्वारा फाईनलाईज करने के लिये कृषि आयुक्तालय को प्रेषित किये जाएंगे।
संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद, प्रतापगढ़ के बंशीधर मीणा ने बताया कि वीएलएसटीएल की विश्लेषण क्षमता लगभग 3000 मिट्टी नमूने प्रतिवर्ष होगी। नमूना विश्लेषण लागत राशि रु. 300/- प्रति नमूना की दर से योजना के तहत वहन की जावेगी। यदि 3000 नमूनों के अलावा 500 नमूने अतिरिक्त जॉच हेतु दिये जाते हैं तो ग्राम स्तरीय उद्यमी को 500 नमूनों के लिए राशि रु. 20/- प्रति नमूना की दर से प्रोत्साहन राशि दी जावेगी। इसके पश्चात विलेज लेवल इनटरप्रिनीयर द्वारा अतिरिक्त नमूनों की जॉच राज्य सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क राशि रु. 5/- प्रति नमूना पर करनी होगी।
लाभार्थी के लिए यह रहेगी अर्हताए
संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) ने बताया कि ग्राम स्तर मिटटी परीक्षण प्रयोगशाला योजना के लिए लाभार्थी/ग्राम स्तरीय उद्यमी के लिए पात्र व्यक्ति युवा होना चाहिए, जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम एवं 27 वर्ष से अधिक न हो व 10 वीं विज्ञान उत्तीर्ण एवं कम्प्युटर का ज्ञान हो। वीएलएसटीएल हेतु स्वयं सहायता समूह, कृषक उत्पादक समूह, प्राथमिक कृषि साख समिति का भी नामांकन किया जा सकता है। अभ्यर्थी/उद्यमी समूह का स्वयं का भवन अथवा किराये का भवन (कम से कम 4 वर्ष की लीज एग्रीमेंट) होना चाहिए।
यह रहेगी वित्तीय सहायता एवं समय सीमा
संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) ने बताया कि ग्राम स्तर मिटटी परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना हेतु योजनान्तर्गत 1.50 लाख रु. की एक बारगी (वन टाईम) सहायता आवेदन के अनुमोदन होने के पश्चात भारत सरकार से बजट उपलब्ध होने के उपरान्त दी जावेगी। उद्यमी को फंड प्राप्ति के 15 दिवस के अंदर प्रयोगशाला उपकरणों, उपभोग्य सामग्री आदि के क्रय किये जाने की रसीद जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति को उपलब्ध करानी होगी।
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