फरियादियों का काम तय समय में नहीं करनेवाले अधिकारियों की अब मनमानी नहीं चलेगी। शिकायत मिलने पर संबंधित अधिकारी को 5 हजार रुपये जुर्माना देना होगा। यह राशि संबंधित अधिकारी के वेतन से वसूली जाएगी। इस आशय का फरमान पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने सुनाया है। दरअसल, पदभार संभालने के बाद डीएम द्वारा प्रखंडों और अंचल कार्यालयों का निरीक्षण करने पर ऐसी गड़बड़ी पकड़ी गई है, जिसमें अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण लोग परेशान हो रहे हैं। डीएम ने जिला लोक जन शिकायत पदाधिकारी से लंबित मामलों की सूची मांगी है। इस मामले पर सोमवार को बैठक के बाद डीएम अंतिम फैसला लेंगे।
डीएम ने नौबतपुर, मसौढ़ी, फुलवारीशरीफ, पालीगंज, फतुहा और बख्तियारपुर प्रखंड और अंचल कार्यालयों के औचक निरीक्षण में पाया है कि लोग अपना सामान्य कामकाज कराने के लिए प्रखंड व अंचल कार्यालय आ तो रहे हैं, लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण उन्हें बेवजह परेशान होना पड़ रहा है। साथ ही प्रखंड और अंचल कार्यालयों में इस लापरवाही का दलाल फायदा उठा रहे हैं। इसलिए डीएम ने जिला लोक शिकायत पदाधिकारी से लंबित मामलों की सूची मांगी है, जिससे पता लगाया जा सके कि जिले में लोगों के कितने मामले लंबे समय से लंबित हैं तथा क्यों नहीं लोगों का काम हुआ है। डीएम ने बताया कि इस विषय पर सोमवार को वे समीक्षा बैठक करेंगे तथा लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए त्वरित पहल भी करेंगे। समय पर काम नहीं करने वाले अधिकारियों से निर्धारित समय के बाद की अवधि में प्रतिदिन 250 रुपए के हिसाब से या अधिकतम 5 हजार रुपए जुर्माना होगा। यह राशि अधिकारियों के वेतन से वसूल की जाएगी।
डीएम ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी और डीसीएलआर को निर्देश दिया है कि प्रखंड एवं अंचल कार्यालय में लंबित ऐसे मामले जो समय से पूरा नहीं किए गए, उसका स्वत: संज्ञान लें तथा संबंधित अधिकारी को नोटिस जारी कर उनसे पूछें कि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित समय सीमा के तहत काम क्यों नहीं हुआ। इसकी जानकारी जिला मुख्यालय को भी दें। डीएम ने बताया कि वह समीक्षा के दौरान यह भी देखेंगे कि कितने अधिकारियों ने लंबे समय से लंबित मामलों का स्वत: संज्ञान लिया है। जाति, आय, आवास, आचरण, प्रमाण पत्र आदि बनाने के लिए अब लोगों को आरटीपीएस काउंटर पर लाइन नहीं लगना होगा। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है। यह सुविधा उपलब्ध हो गई है। इसके लिए लोगों को बिहार लोक सेवाओं के अधिकार के साइट पर जाकर संबंधित प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं।